'आईटी उद्योग में सुदृढीकरण से भरोसे की झलक' | बीएस बातचीत | | नेहा अलावधी / June 25, 2019 | | | | |
आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि संगठन नैसकॉम के वर्ष 2019-20 के लिए नवनियुक्त चेयरमैन केशव मुरुगेश का कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र में हालिया सुदृढीकरण से उद्योग में जबरदस्त भरोसे की झलक मिलती है। वाइस चेयरमैन यूवी प्रवीण राव के साथ उन्होंने नेहा अलावधी से बातचीत में आईटी उद्योग की मौजूदा चुनौतियों और आगे की राह के बारे में विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
आगामी वर्ष के लिए आपकी क्या रणनीति होगी और आप किन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे?
यूबी प्रवीण राव: हर जगह डिजिटल बदलाव हो रहा है और इसलिए सेवा प्रदाताओं के लिए अपनी पहचान बनाने का यह बेहतरीन समय है। साथ ही सरकार ने भी भारत को एक डिजिटल एवं नवोन्मेषी केंद्र बनाने का काफी महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। जहां तक किन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की बात है तो जाहिर तौर पर वह सरकार के साथ काम करने की होगी। डेटा सुरक्षा, ई-कॉमर्स और उससे संबंधित मुद्दों पर काफी बातचीत हो रही है। इसलिए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस पर विचार-विमर्श हो। हालांकि हम डेटा की जटिलता को समझते हैं लेकिन कोई ऐसा रास्ता निकालना जरूरी है जिससे डेटा का सीमापार प्रवाह प्रभावित भी न होने पाए। दूसरी बात कौशल के संदर्भ में है। दुनिया भर में प्रतिभाओं की भारी किल्लत है और यह भारत के लिए एक अवसर है क्योंकि इस उद्योग में हमारे करीब 40 लाख लोग कार्यरत हैं।
केशव मुरुगेश: हम आंतरिक एवं बाहरी, दोनों मोर्चे पर सरकार के साथ एक दमदार भागीदार के तौर पर काम करते हुए जबरदस्त साख बनाना चाहते हैं। नए बाजारों एवं नई सेवा श्रेणियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करने संबंधी नैसकॉम की क्षमता हमारी तीसरी पहल होगी।
माइंडट्री-एलऐंडटी और एनआईआईटी टेक्नोलॉजिज के अलावा बीपीएम क्षेत्र में भी कुछ सुदृढीकरण दिखे हैं। आईटी क्षेत्र में हालिया सुदृढीकररण को आप किस रूप में देखते हैं?
केशव मुरुगेश: कुछ लोगों के लिए सुदृढीकरण विकास की राह है। कभी-कभी संस्थापकों को लगता है कि अब बाहर होने और कंपनी को कहीं अधिक मजबूत हाथों में सौंपने का समय आ गया तो सुदृढीकरण दिखता है। कुछ लोग अन्य परिसंपत्ति खरीदने के लिए ऐसा करते हैं लेकिन आमतौर पर इससे पता चलता है कि सेवाओं की मांग लगातार दमदार बनी हुई है। यही कारण है कि वे इस प्रकार के बड़े सौदे करते हैं।
यूबी प्रवीण राव: भविष्य में वृद्धि की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसके अलावा उद्योग में मंदी के दौरान भी आपको सुदृढीकरण दिखेगा। लेकिन आईटी उद्योग इससे काफी दूर है और इसलिए सुदृढीकरण रणनीतिक कारणों अथवा कंपनी के खास मुद्दे के कारण हो रहा है।
विश्व में मौजूदा व्यापार परिदृश्य को आप किस रूप में देख रहे हैं खासकर अमेरिका, चीन, भारत और ब्रिटेन के संदर्भ में? आईटी सेवाओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
केशव मुरुगेश: आईटी सेवा और बीपीएम सहित किसी भी उद्योग के लिए वृद्धि की रफ्तार कभी भी एक जैसी नहीं रही है। कभी भी कुछ बाधा हो सकती है जिसे उस समय हम बाधा समझते हैं। लेकिन इस प्रकार की समस्याएं उद्योग संगठन और सरकार की काफी परिपक्व सोच एवं भागीदारी की मदद से स्वत: खत्म हो जाती हैं। जब ब्रेक्सिट हुआ था तो हमें लगा था कि इससे सभी आईटी कंपनियां प्रभावित होंगी लेकिन अंतत: उद्योग को मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। हम इसे रोज जूझते हैं और आपका कारोबारी मॉडल इन समस्याओं के बीच निरंतर प्रगति सुनिश्चित करता है। व्यापार जंग कभी भी दुनिया के लिए अच्छी नहीं रही है। इसलिए नैसकॉम में हमारा यह दायित्व है कि हम इस मुद्दे पर देश के भीतर और बाहर विभिन्न सरकारों के साथ बातचीत करें। किसी भी रुझान के बारे में बात करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तो तय है कि हम सरकार के साथ साझेदारी के जरिये उद्योग के लिए बेहतर परिणाम हासिल करने जा रहे हैं। देश के जीडीपी में आईटी का योगदान काफी अधिक है।
एसईजेड का दौर खत्म हो रहा है। इस पर आपका क्या कहना है? यह उद्योग के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है?
केशव मुरुगेश: एक उद्योग संगठन के तौर हमारा मानना है कि भारत को 5 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी) के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत है और आईटी सेवा उसमें अग्रणी है। बजट में एसईजेड का दौर खत्म करने के लिए सही मॉडल का उल्लेख किया गया है जिसका भारतीय उद्योग पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
यूबी प्रवीण राव: नीति की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार जो भी कर रही है उसे जारी रहना चाहिए। कारोबारी सुगमता के लिए दूरगामी योजनाएं और कारोबार के लिए प्रतिस्पर्धी लाभ बढ़ाने की कोशिश बरकरार रखने की जरूरत है।
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