आसान नहीं है इलेक्ट्रिक वाहन की राह | |
शैली सेठ मोहिले / मुंबई 06 24, 2019 | | | | |
► वित्त वर्ष 2019 में बिके लगभग 7 लाख तिपहिया वाहन
► वित्त वर्ष 2019 में बेचे गए 2.1 करोड़ दोपहिया वाहन
► निर्यात होने वाले दोपहियों की संख्या-30 लाख यूनिट
सरकार ने 155 सीसी से कम क्षमता के पेट्रोल-डीजल से चलने वाले तिपहिया वाहनों पर 2023 में और दोपहिया पर 2025 में प्रतिबंध लगाने तथा उनकी जगह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को उतारने की योजना बनाई है लेकिन इसे जमीन पर उतारना आसान नहीं है। नीति आयोग और वाहन उद्योग के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को हुई बैठक बेनतीजा रही और आगे भी दोनों पक्षों के बीच इस मामले में गतिरोध बने रहने की आशंका है।
नीति आयोग ने वाहन उद्योग को इस मामले में अपनी योजना सौंपने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। लेकिन बजाज ऑटो और टीवीएस ने दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना का कड़ा विरोध किया है और ई-वाहन पर अपनी व्यापक योजना पेश करने के लिए कम से कम चार महीने का समय मांगा है। दोपहिया वाहन बाजार की अग्रणी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया भी इससे प्रभावित होंगी लेकिन उन्होंने इस मामलें में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'शुक्रवार की बैठक मेरे लिए चौंकाने वाली थी। यह दावा है कि ईवी पर्यावरण और अनुभव, दोनों लिहाज से बेहतर उत्पाद हैं और इसके लिए कई तरह की छूट भी दी जा रही है लेकिन इलेक्ट्रानिक क्रांति इंजन वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर प्रतिबंध की नीव पर नहीं हो सकती है।'
बजाज ने कहा कि सरकार ईवी पर सब्सिडी देना चाहती है ताकि उनकी कीमत इंजन वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों के बराबर आ जाए। 2025 तक ईवी उद्योग का न्यूनतम आकार 2.5 करोड़ पहुचंने का अनुमान है और प्रति वाहन एक लाख रुपये की सब्सिडी से सरकार को करीब 250,000 करोड़ रुपये सब्सिडी देनी होगी।
टीवीएस मोटर के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन का भी कुछ ऐसा ही मानना है। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर रातोंरात प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक कदम है। हमें ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ठोस रणनीति बनानी चाहिए। दुनिया के दूसरे बाजारों में इसी तरह काम हो रहा है।'
उन्होंने कहा कि इसके बजाय सरकार को सभी बीएस-3 वाहनों को बाहर करना चाहिए। इस कदम से 70 फीसदी प्रदूषण कम हो जाएगा। ईवी के लिए दी जा रही सब्सिडी की इस्तेमाल पुराने वाहनों को हटाने और नए ईवी वाहनों को खरीदने में प्रोत्साहन के रूप में किया जा सकता है। शुक्रवार की बैठक में दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर आक्रामक ढंग से अपने-अपने तर्क रखे।
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