अस्पताल कंपनियों की रेटिंग में बदलाव के आसार | उज्ज्वल जौहरी / June 23, 2019 | | | | |
अस्पताल कंपनियों के शेयरों में निवेशक धारणा मजबूत हुई है और इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपोलो हॉस्पिटल्स और नारायण ह्रदयालय जैसी कंपनियों ने अपने मई के निचले स्तरों से लगभग 20 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है। फोर्टिस हेल्थकेयर भी इस महीने मजबूत हुआ है क्योंकि स्वामित्व को लेकर अनिश्चितता और वित्त वर्ष 2019 के दौरान सख्त नकदी हालात की चुनौती अब दूर हो गई है।
वहीं सूचीबद्घ श्रेणी में एस्टर डीएम और एचसीजी जैसी अन्य कंपनियों ने विभिन्न चुनौतियों को देखते हुए प्रमुख सूचकांक की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है, लेकिन बाजार का मानना है कि आगामी तिमाहियों में इन कंपनियों के हालात में सुधार आएगा। इस क्षेत्र के लिए मुख्य समस्या विस्तार की वजह से दबाव तथा स्टेंट, घुटना प्रत्यारोपण पर मूल्य निर्धारण सीमाओं से संबंधित नियामकीय चुनौती रही है। हालांकि मार्च तिमाही के मजबूत प्रदर्शन और ऊंचे मार्जिन तथा आय परिदृश्य में सुधार की उम्मीद के बाद विश्लेषकों ने अपने मुनाफा अनुमानों को संशोधित कर दिया है।
देश की सबसे बड़ी सूचीबद्घ कंपनी अपोलो हॉस्पिटल्स परिचालन मानकों में सुधार की सबसे बड़ी लाभार्थियों में से एक होगी। कंपनी और उसके प्रवर्तकों ने हाल में अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेची है। बाजार इस घटनाक्रम को लेकर सकारात्मक है, क्योंकि इससे कंपनी को अपना कर्ज घटाने में मदद मिली है जबकि प्रवर्तक अपने गिरवी शेयर छुड़ा सकते हैं। वित्त वर्ष 2019 में कंपनी का सकल ऋण 3,672 करोड़ रुपये (कुल कर्ज 3,256 करोड़ रुपये) पर है। ताजा सौदे के बाद, अपोलो हॉस्पिटल्स को अपोलो म्यूनिख में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से 300 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। वित्त वर्ष 2009-11 के दौरान, अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपोलो म्यूनिख में 35 करोड़ रुपये का निवेश किया था और विश्लेषकों को अब नकदी का इस्तेमाल कर के अलावा कर्ज भुगतान के लिए किए जाने की संभावना है।
अपोलो प्रवर्तकों को इस सौदे से 1,330 करोड़ रुपये हासिल होने की संभावना है और वे इसका इस्तेमाल ऋण घटाने और गिरवी शेयर छुड़ाने में करेंगे। नोमुरा के विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादा अनुपात में गिरवी शेयरों से जुड़ी चिंताओं की वजह से निवेशक चिंताएं बरकरार हैं, लेकिन यह सौदा सकारात्मक रहेगा।
कंपनी पिछली कुछ तिमाहियों में प्रदर्शन में सुधार दर्ज कर चुकी है। जहां वित्त वर्ष 2015-18 में विस्तार की वजह से परिचालन प्रदर्शन धीमा रहा, वहीं नियामकीय चिंताओं से भी दबाव पैदा हुआ। वित्त वर्ष 2019 में हालांकि परिचालन मुनाफा 34 प्रतिशत बढ़ा। विश्लेशकों को परिचालन मुनाफा वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान 18 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है। सीएलएसए का मानना है कि नए अस्पतालों (नवी मुंबई में एक) से कंपनी को हाई-ऐंड सर्जरी में तेजी, बाहरी मरीजों की संख्या में वृद्घि और डायग्नोस्टिक सेवाओं के विस्तार को देखते हुए मार्जिन में तेजी आने की उम्मीद है।
फोर्टिस हेल्थकेयर को वित्त वर्ष 2019 के दौरान कई चुनौतियों का सामा करना पड़ा था, लेकिन नए प्रबंधन के अधीन आगामी महीनों में लाभ में सुधार आने की संभावना है। अस्पताल चेन बगैर बड़े निवेश के आगामी मांग का लाभ उठाने के लिहाज से अच्छी स्थिति में बनी हुई है, क्योंकि मौजूदा क्षमता सुधार से उसे मौजूदा मांग में तेजी को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
नोमुरा के विश्लेषकों ने संभावित ओपर ऑफर के प्रभाव को ध्यान में रखकर वित्त वर्ष 2021 के ईवी/एबिटा के आधार पर कीमत लक्ष्य घटाकर 159 रुपये कर दिया है। हालांकि शेयर में कुछ तेजी की गुंजाइश अभी भी बनी हुई है। नारायण ने पिछली तीन तिमाहियों में भी बेहतर क्रियान्वयन और मार्जिन वृद्घि दर्ज की है। जहां कंपनी के तीन नए अस्पतालों - गुरुग्राम, मुंबई और धर्मशाला को नुकसान से जूझना पड़ रहा है, लेकिन इनके वित्त वर्ष 2020-21 में भरपाई के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है। हालांकि इनमें हाल की तिमाही में प्रति बिस्तर औसत राजस्व 13 प्रतिशत दर्ज किया गया है। कंपनी फिलहाल किसी नई विस्तार योजना की तैयारी नहीं कर रही है। बेहतर स्थिति और क्रियान्वयन पर प्रबंधन के बढ़ते ध्यान को देखते हुए जेफरीज के विश्लेषक सकारात्मक बने हुए हैं और उन्हें वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान मार्जिन में 180 आधार अंक का सुधार आने की संभावना है।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर ने भी वित्त वर्ष 2019 में अनुमानों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। कंपनी एक खास बिजनेस मॉडल पर काम करती है और उसके कई इकाइयां खाड़ी देशों में है। क्रियान्यवन के शानदार रिकॉर्ड से खाड़ी देशों में कंपनी के अस्पताल परिचालन के एक साल के अंदर भरपाई की स्थिति में आने में सफल रहे। इसे देखते हुए और भारत में वृद्घि के अवसरों की वजह से कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का अनुमान है कि एस्टर डीएम वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान 11 प्रतिशत की सालाना राजस्व वृद्घि 20 प्रतिशत की एबिटा वृद्घि दर्ज करेगी।
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