येस बैंक को सितंबर तक कुछ बड़े समाधान की उम्मीद | देव चटर्जी और अभिजित लेले / June 18, 2019 | | | | |
येस बैंक के नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी 56 वर्षीय रवनीत गिल के लिए राह आसान नहीं है। 1 मार्च को गिल द्वारा मुंबई में बैंक के मुख्यालय की जिम्मेदारी संभाले जाने के बाद से यह शेयर 54 प्रतिशत गिरा है। गिल की चुनौती बैंक के बहीखाते को साफ-सुथरा बनाने और इसके खुदरा एवं कॉरपोरेट ग्राहकों को उधारी बढ़ाने से जुड़ी होगी। देव चटर्जी और अभिजित लेले के साथ साक्षात्कार में गिल ने कहा कि बैंक के बहीखाते को दुरुस्त बनाने की योजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है और उसके कुछ बड़े कर्ज खातों का समाधान इस साल सितंबर तक निकाल लिया जाएगा। पेश हैं मुख्य अंश:
क्या शेयर भाव में गिरावट को देखते हुए पूंजी बाजार से कोष जुटाने का यह सही समय हैï?
यदि हम मध्यावधि परिदृश्य से विचार करें तो बैंक के लिए कुल पूंजी जरूरत करीब 1 अरब डॉलर की होगी। हम इस पर विचार कर रहे हैं कि यह रकम कैसे और किस कीमत पर जुटाई जाए। हालांकि हम ज्यादा कम भाव पर इक्विटी हिस्सेदारी घटाना नहीं चाहेंगे। यदि हम अच्छा काम करेंगे तो शेयर भाव स्वयं ही मजबूत होगा। हमने सितंबर तक पूंजी जुटाने की योजना बनाई है।
अपने शेयरधारकों के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
हम अपने सब-इन्वेस्टमेंट ग्रेड पोर्टफोलियो को लेकर उत्साहित हैं और इसके लिए यदि हम किसी तरह की कमजोरी देखते हैं तो हमें पहले से ही उसे दूर करना होगा। कुछ अन्य बैंकों के लिए, गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में वृद्घि बरकरारर है, क्योंकि उनके ऋण बिजली, सीमेंट और इस्पात जैसे चक्रीय व्यवसायों से संबंधित हैं।
येस बैंक का एस्सेल समूह, अनिल अंबानी समूह कंपनियों और दीवान हाउसिंग फाइनैंस में बड़ा निवेश है। इन खातों की क्या स्थिति है?
ये कंपनियां बिक्री या परिसंपत्ति बिक्री के जरिये इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रही हैं। इनके पास काफी मजबूत परिसंपत्तियां हैं और मेरा मानना है कि सितंबर तक कुछ समाधान निकल आएगा। इन कंपनियों में कायाकल्प जल्द होगा और साथ ही नए निवेशक भी इनमें शामिल होंगे।
हाल में दो निदेशक क्यों छोड़कर गए और क्या बैंक अपने बोर्ड में बदलाव की संभावना तलाश रहा है?
दो निदेशक बैंक को छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से एक अपनी शैक्षिक दिलचस्पी की वजह से काफी पहले से ही छोडऩे की योजना बना रहे थे, लेकिन उसे पद पर बने रहने को कहा गया था। दूसरा निदेशक अन्य निजी कारणों की वजह से बैंक को छोड़कर चला गया। अब हमने कई अतिरिक्त निदेशक नियुक्त करने की योजना बनाई है। हमारे बोर्ड में 11 सदस्य हैं और यह संख्या बढ़ाकर 14 की जा सकती है। हम कई सदस्य शामिल करने की संभावना तलाश रहे हैं जिनमें कार्यकारी निदेशक भी शामिल हैं।
क्या आप रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बैंक के ऋण को लेकर सहज महसूस कर रहे हैं?
रियल्टी में हमारा निवेश निश्चित तौर पर पूर्व की तुलना में बेहतर है। हमें नकदी, या कुछ ग्राहकों द्वारा ऋण अदायगी को लेकर चिंताओं का सामना करना पड़ा था। इसलिए हमने वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में रियल एस्टेट खातों के लिए आकस्मिक तौर पर प्रावधान किया। यदि हम संपूर्ण वृहद परिदृश्य के बारे में बात करें तो ऋण किल्लत और एनबीएफसी संकट का मांग पर प्रभाव पड़ा है और इससे उद्योग के लिए चुनौतियां खड़ी हुई हैं।
अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए येस बैंक की वृद्घि की रफ्तार कैसी रहेगी?
हम अपने कॉरपोरेट वित्त व्यवसाय, रिटेल बैंक एवं ट्रांजेक्शन बैंक जैसे खंडों में काफी अवसर देख रहे हैं। कार्यशील पूंजी का वित्त पोषण वृद्घि का एक अन्य बड़ा क्षेत्र है। यदि हम मौजूदा समय में ऋण बाजारों को देखें तो स्पष्टï रूप से पता चलता है कि एनबीएफसी ठहराव की स्थिति में हैं, न कि विकास के चरण में।
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