एक और बैठक से ममता का इनकार | अभिषेक रक्षित / June 18, 2019 | | | | |
सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की अहम बैठक से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री के आमंत्रण को स्वीकार न करने का फैसला किया है। ममता ने कहा कि केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर श्वेत पत्र लाए। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सभी राजनीतिक दलों के विचार आमंत्रित करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय दे। ममता की तरफ से केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को भेजे गए पत्र में कहा गया है, 'अगर आप ऐसा करते हैं तो हम इस अहम विषय पर आपको ठोस सुझाव दे सकते हैं।' बनर्जी ने कहा कि इस मुद्दे पर जवाब देने से पहले संविधान विशेषज्ञों, चुनाव विशेषज्ञों और पार्टी सदस्यों के साथ बातचीत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से बैठक की सूचना कुछ समय पहले भेजी गई है, इसलिए इतने कम समय में जवाब देना संभव नहीं है।
पत्र में कहा गया है, 'मैं यह कहना चाहूंगी कि एक देश एक चुनाव जैसे संवेदनशील एवं गंभीर विषय पर इतने कम समय में जवाब देने से इस विषय के साथ न्याय नहीं हो पाएगा।' मोदी ने इस विषय पर चर्चा के लिए रविवार को उन सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया था, जिनका संसद के ऊपरी या निचले सदन में कम से कम एक सदस्य है। बैठक में आजादी के 75 साल और महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिवस का जश्न मनाने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। एक देश एक चुनाव का मतलब है कि लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे। विशेषज्ञों ने कहा कि 1952, 1957, 1962 और 1967 के चुनाव इसी तर्ज पर हुए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए कानून में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है।
ममता ने तीसरी बार मोदी के आमंत्रण को ठुकराया है। सबसे पहले उन्होंने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आने से इनकार किया था। दूसरी बार नीति आयोग की पहली बैठक में शामिल होने से मना किया था, जो मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद का प्रभार संभालने के बाद बुलाई थी। हालांकि बनर्जी ने कहा कि जहां तक स्वतंत्रता और महात्मा गांधी के जन्मदिवस के जश्न का सवाल है, पश्चिम बंगाल तहेदिल से इनमें शामिल होगा। उन्होंने जिलों के विकास के मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकार ने नीति आयोग से कहा है कि वह कुछ जिलों के चयन का समर्थन नहीं करती है क्योंकि यह राज्य के सभी जिलों के संतुलित एवं समान विकास के उद्देश्यों के खिलाफ है। केंद्र सरकार ने विपक्ष से संसद की उत्पादकता सुधारने का आग्रह किया था। इस मुद्दे पर बनर्जी ने कहा कि जोशी सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर सकते हैं और सभी राजनीतिक पार्टियां जो तय करेंगी, वह उनकी पार्टी को भी मान्य होगा।
|