'नागरिकों की कीमत पर डॉक्टरों को संरक्षण नहीं' | भाषा / June 18, 2019 | | | | |
उच्चतम न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर सुनवाई यह कहते हुए मंगलवार को स्थगित कर दी कि अब इसकी कोई जल्दी नहीं है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति सूर्यकांत के अवकाश पीठ ने कहा कि वह समझता है कि चिकित्सकों की सुरक्षा एक गंभीर विषय है परंतु वह समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखे बगैर प्रत्येक चिकित्सक के साथ पुलिसकर्मी तैनात करने का आदेश नहीं दे सकता है। पीठ ने फिलहाल केंद्र को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा के व्यापक मुद्दे को विचार के लिए खुला रखा जा रहा है।
पीठ ने कहा कि चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, 'हम समझते है कि यह एक गंभीर विषय है लेकिन हम दूसरे नागरिकों की कीमत पर चिकित्सकों को संरक्षण नहीं दे सकते। हमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा। हमें पुलिसकर्मियों की उपलब्धता और दूसरी चीजों को व्यापक तस्वीर में देखना होगा। हम चिकित्सकों को संरक्षण प्रदान करने के विरूद्ध नहीं है लेकिन प्रत्येक चिकित्सक के साथ पुलिसकर्मी तैनात करने का निर्देश नहीं दे सकते।'
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी न्यायालय में दायर याचिका में पक्षकार बनने के लिए आवेदन किया है। शीर्ष अदालत याची अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें देश में सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
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