ओम बिरला होंगे लोकसभा के नए अध्यक्ष | अर्चिस मोहन / June 18, 2019 | | | | |
राजस्थान से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य ओम बिरला अगले लोकसभा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। बुधवार को होने वाले चुनाव में बिरला के निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। 57 वर्षीय बिरला ने हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव में दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। उन्होंने राजस्थान की कोटा-बूंदी संसदीय सीट से जीत हासिल की। बिरला राजस्थान विधानसभा में तीन बार विधायक रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भाजपा के सहयोगी ही नहीं, बल्कि बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और अन्य दल भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में पार्टी नेतृत्व द्वारा बिरला का नामांकन किया जाना पार्टी की ओर से उन 'विनम्र कार्यकर्ताओं' को पुरस्कृत किए जाने का संकेत देता है जो पदक्रम के जरिये आगे बढ़े हैं। बिरला के इस नामांकन से भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पिछले डेढ़ दशक के उस चलन को खत्म कर दिया है जिसमें किसी अनुभवी सांसद को इस पद के लिए नामित किया जाता रहा है। वर्ष 2004 में 10 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद सोमनाथ चटर्जी को अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था। पांच बार लोकसभा सांसद बनीं मीरा कुमार 2009 में उनकी उत्तराधिकारी बनीं और आठ बार सांसद बनीं सुमित्रा महाजन को 2014 में लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था।
हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी रहे हैं। 2002 में लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने गए मनोहर जोशी तब पहली बार सांसद बने थे लेकिन इससे पहले वे महाराष्ट्र विधान परिषद और विधानसभा सदस्य के रूप में लगभग दो दशक बिता चुके थे। जोशी से पहले दूसरी बार सांसद बने जीएमसी बालयोगी लोकसभा अध्यक्ष थे जिनकी मृत्यु हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गई थी। 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने पहली बार सांसद बनने वाले बलराम जाखड़ को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में नामित किया था। जाखड़ दो बार - 1980 से 1984 तक और फिर 1984 से 1989 तक अध्यक्ष बने रहे। 1980 में लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले जाखड़ दो बार पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। बिरला कोटा के सरकारी वाणिज्य महाविद्यालय और अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से शिक्षित वाणिज्य स्नातकोत्तर हैं। वह 2003, 2008 और 2013 में राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए थे और उन्होंने वसुंधरा राजे सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
बिरला पार्टी के एक आदर्श कार्यकर्ता हैं और वह भाजपा की युवा शाखा - भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रहे हैं। वह राजस्थान में सहकारी आंदोलन से भी जुड़े रहे और उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष के रूप में सेवा करते हुए 'सुपर बाजार' योजना शुरू करने में मदद की। लोकसभा की वेबसाइट पर अपने प्रोफाइल में बिरला ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण आंदोलन में सक्रिय योगदान के कारण वह उत्तर प्रदेश में बंदी बनाए गए थे। वह खुद को स्वयंसेवक संघ का प्राथमिक सदस्य भी बताते हैं। बिरला ने बताया है कि उन्होंने 13वीं राजस्थान विधानसभा में 500 से अधिक प्रश्न पूछे और सदन की बहस में भाग लेने के लिए उनका नाम कम से कम छह बार 'सदन के सितारे' में शामिल किया गया था।
अधीर रंजन चौधरी होंगे कांग्रेस के नेता
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी का नेता चुना गया है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्त्व ने चौधरी के नाम को स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, 'मुझे यह जिम्मेदारी दी गई है। मुझे अग्रिम पंक्ति में खड़े रहने के लिए कहा गया और मैंने कहा ठीक है।' उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी का सिपाही हूं और बतौर सिपाही लड़ूंगा।' चौधरी के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, हालांकि वह मंगलवार को सदन में विपक्ष की तरफ उसी सीट पर बैठे थे जिस पर नेता प्रतिपक्ष अथवा सबसे बड़े दल का नेता बैठता है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि केरल से पार्टी के सांसद के. सुरेश को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सुरेश को सदन में नेता की जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस को इस बार के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 52 सीटें मिली हैं जो नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्राप्त करने के लिए जरूरी संख्या से कम है। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से पांच बार से सांसद हैं। वह 1999 के बाद से एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं। वह फिलहाल मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चौधरी अतीत में पश्चिम बंगाल विधानसभा का सदस्य रहने के साथ पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
(साथ में एजेंसियां)
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