आवास ऋण के साथ जीवन बीमा : इन चीजों का हमेशा रखें ध्यान | सरबजीत सेन / June 16, 2019 | | | | |
जब आप आवास ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो इस बात के पूरे आसार होते हैं कि ऋणदाता आपको इसके साथ जीवन बीमा भी थमा दे। यह ऋणी की असामयिक मृत्यु की स्थिति में ऋण की राशि के भुगतान को कवर करने के लिए होता है। कुछ ऋणदाता समूह बीमा योजना को खरीदने के लिए कर्ज लेने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दर में मामूली रियायत भी देने को तैयार हो सकते हैं। सैद्धांतिक रूप से यह कवर अच्छा नजर आता है क्योंकि कर्ज लेने वाले व्यक्ति के पास ऋण लेते समय कुछ बीमा होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि अगर ऋणी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को कोई दिक्कत नहीं होती। हालांकि इस कवर को लेने के लिए अन्य विकल्प भी हैं। उदाहरण के लिए टर्म इंश्योरेंस।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस एक लोकप्रिय बीमा योजना है। इसमें बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर बीमा कंपनी बीमित राशि का भुगतान करती है। इसमें बीमा लेने वाले व्यक्ति को नियमित अंतराल पर या पॉलिसी की शुरुआत में निश्चित प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। यह शुद्ध रूप से जीवन बीमा कवर है, जिसमें अगर आप पॉलिसी की अवधि के दौरान जीवित रहे तो आपको कुछ नहीं मिलता है।
ऋण के साथ बीमा
व्यक्ति को समूह के एक प्लेटफॉर्म पर जीवन बीमा मुहैया कराया जाता है, जिसे तकनीकी भाषा में समूह ऋण जीवन बीमा कहा जाता है। ग्राहक को ऋण लेते समय एकबारगी प्रीमियम वाला जीवन बीमा कवर मुहैया कराया जाता है। बीमित राशि ऋण की बकाया राशि होती है। ऋणी व्यक्ति मॉर्गेज ईएमआई चुकाना शुरू कर देता है, इसलिए बकाया ऋण राशि भी घटती रहती है। इसे आम तौर पर मार्जिनल रिड्यूशिंग टर्म इंश्योरेंस (एमआरटीआई) कहा जाता है। अगर ऋणी की ऋण अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो जीवन बीमा कंपनी बकाया ऋण का भुगतान करती है। एचडीएफसी लाइफ के कार्यकारी निदेशक सुरेश बादामी ने कहा, 'ऐसे कवर का फायदा यह है कि व्यक्ति ऋण देनदारी को सुरक्षित कर सकता है। यह व्यक्ति के अन्य बीमा कवर से स्वतंत्र होता है।'
ऐसी योजना के कई फायदे हैं। इसे खरीदना आसान है क्योंकि यह पूरी ऋण प्रक्रिया में सहायक लाभ हैं, इसलिए आपको खारिज किए जाने के आसार नहीं होते हैं। बादामी ने कहा, 'समूह बीमा योजना होने से इसमें कागजी कार्रवाई बहुत कम है, इसलिए पॉलिसी में कोई भागदौड़ नहीं है। किसी दुखद घटना के कारण दावा बनता है तो बैंक या एनबीएफसी बैंक एश्योरेंस पार्टनर के रूप में इसमें शामिल होते हैं। इससे नॉमिनी के लिए दावा करना आसान बन जाता है।' इसके अलावा इसमें प्रीमियम भुगतान की कोई चिंता नहीं है क्योंकि इसमें एकबारगी प्रीमियम का भुगतान करना होता है। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के सीईओ नवल गोयल ने कहा, 'आपके घर की ईएमआई में यह शामिल हो सकता है। इस तरह आपको अकेले टर्म प्लान की तरह प्रीमियम भुगतान की तारीख को ध्यान में नहीं रखना पड़ता।' वहीं दावे के निपटान में भी आसानी है।
टर्म प्लान
इसकी तुलना में एक शुद्ध टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदना बोझिल हो सकता है। व्यक्ति को ऐसी योजना तलाश करनी पड़ सकती है, जो उसकी जरूरतें पूरी करती है। उसे पॉलिसी मिलने से पहले कई स्वास्थ्य जांचों से गुजरना पड़ सकता है। अगर ऋणी युवा नहीं है और बीमित राशि एक करोड़ रुपये से अधिक है तो यह बोझिल काम साबित हो सकता है। पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के मुख्य कारोबारी अधिकारी संतोष अग्रवाल ने कहा, 'घर या पर्सनल लोन के साथ मिलने वाला जीवन बीमा पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु की स्थिति में उपयोगी साबित हो सकता है। हालांकि साथ आने वाली बीमा योजना पॉलिसीधारक की जरूरत जितना कवर नहीं मुहैया कराती है। एकल टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा यह है कि जब इसे युवावस्था में खरीदा जाता है तो काफी बड़े कवर के लिए प्रीमियम बहुत सस्ता होता है।' साथ ही, टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर मुहैया कराई जाने वाली बीमित राशि पॉलिसी की पूरी अवधि में एकसमान रहती है। लेकिन एमआरटीआई के लिए बीमित राशि आपके ऋण चुकाने के साथ घटती रहती है।
दूसरे बैंक में स्थानांतरित करने के मामले में
जब कोई व्यक्ति ऋणदाता ए से ऋण लेता है, लेकिन उसे कम ब्याज दर या सेवा गुणवत्ता या अन्य किसी वजह से ऋणदाता बी में स्थानांतरित करना चाहता है तो एमआरटीआई कवर स्थानांतरित नहीं होता है। नया ऋणदाता कर्ज लेने वाले को नया कवर लेने के लिए कह सकता है, जो आम तौर पर होम लोन के साथ मिलता है। अगर आपने खउद टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदा है आप इसे जारी रख सकते हैं। अगर आप युवा हैं तो बड़ा टर्म लाइफ इंश्योरेंस कवर खरीदना सबसे आदर्श है। लेकिन अगर आप ऋण देनदारी को अलग रखना चाहते हैं और आसान रास्ता अपनाना चाहते हैं तो इसका समाधान एमआरटीआई हो सकता है।
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