विप्रो के कर्मचारी खर्च में सबसे कम वृद्धि | रोमिता मजूमदार / मुंबई June 13, 2019 | | | | |
वित्त वर्ष 2019 में विप्रो की कर्मचारी लागत में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि टीसीएस के मामले में यह आंकड़ा 17.8 फीसदी और इन्फोसिस के मामले में 16.8 फीसदी है। इन कंपनियों के वार्षिक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। दुनिया भर में आईटी सेवा कंपनियों की कर्मचारी लागत में वृद्धि दर्ज की जा रही है। आमतौर पर आईटी कंपनियां प्रतिभाओं की कमी से जूझ रही हैं और उत्तरी अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में उप-ठेकेदारों पर उनकी निर्भरता बढ़ रही है। देश की एक प्रमुख आईटी सेवा कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजिज ने फिलहाल अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी नहीं की है। हालांकि शीर्ष आईटी कंपनियों के बीच विप्रो की कर्मचारी लागत में सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई। जबकि बेंगलूरु की इस आईटी सेवा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) के वार्षिक वेतन पैकेज में वित्त वर्ष 2019 के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
कंपनी की ओर से नैसडैक को दी गई जानकारी के अनुसार, सीईओ आबिदअली नीमचवाला का वेतन पैकेज वित्त वर्ष 2019 में 39.5 लाख डॉलर यानी करीब 27.3 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले के वेतन पैकेज के मुकाबले 41 फीसदी अधिक है। हालांकि इसमें वेरिएबल पे की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) के सीईओ राजेश गोपीनाथ के वार्षिक वेतन पैकेज में वित्त वर्ष 2019 के दौरान 28 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। दिलचस्प है कि टीसीएस भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनी है और उसके बाद इन्फोसिस दूसरे पायदान पर मौजूद है। गोपीनाथ के वेतन पैकेज में वेतन मद में 1.15 करोड़ रुपये, अन्य सुविधाओं के मद में 1.26 करोड़ रुपये, कमीशन मद में 13 करोड़ रुपये और अन्य भत्ता मद में 60 लाख रुपये शामिल हैं। इस प्रकार उनकी कुल वेतन आय 16.02 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2017-18 में गोपीनाथ की कुल वेतन आय 12.49 करोड़ रुपये रही थी। जबकि वित्त वर्ष के दौरान टीसीएस के कर्मचारियों की औसत वेतन वृद्धि 2 से 6 फीसदी के दायरे में रही थी
इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख की वेतन आय की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि उन्होंने एक साल से कुछ ही समय पहले अपना कार्यभार संभाला है। वित्त वर्ष 2019 में पारेख की वेतन आय 24.67 करोड़ रुपये (लगभग 37 लाख डॉलर) रही। जबकि वित्त वर्ष के दौरान इन्फोसिस के अन्य कर्मचारियों की औसत वेतन वृद्धि करीब 6 फीसदी रही। विप्रो ने भी कहा है कि अब मानद चेयरमैन बन चुके कंपनी के मुख्य रणनीति अधिकारी रिषद प्रेमजी की वेतन आय में वित्त वर्ष 2019 के दौरान 9 फीसदी की वृद्धि हुई। जबकि साल के दौरान विप्रो के अन्य कर्मचारियों की औसत वेतन वृद्धि 6 से 8 फीसदी के दायरे में रही।
कर्मचारी मद में इन्फोसिस का खर्च वर्ष 2019 के दौरान बढ़कर 56.3 फीसदी हो गया जो वित्त वर्ष 2018 में 55.3 फीसदी रहा था। यह आंकड़ा राजस्व के प्रतिशत के रूप में है जिसमें कर्मचारी लागत और तकनीकी उप-ठेकेदारों की लागत शामिल हैं। टीसीएस के मामले में सकल राजस्व के प्रतिशत के रूप में कर्मचारी संबंधी लागत घटकर वित्त वर्ष 2019 में 53.6 फीसदी रह गई जो वित्त वर्ष 2018 में 53.9 फीसदी रही थी। देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजिज ने फिलहाल अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी नहीं की है। लेकिन वित्त वर्ष 2018 में कंपनी के सीईओ सी विजयकुमार का वेतन 33 करोड़ रुपये था जो उद्योग के सर्वाधिक वेतन पैकेज में शामिल था। पिछले साल टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी की वेतन आय सबसे अधिक रही थी जिसमें स्टॉक ऑप्शंस एवं अन्य वेरिएबल्स शामिल हैं।
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