हावड़ा पार्क से होगा इस्पात एसएमई का कायाकल्प | |
बीएस संवाददाता / कोलकाता 03 16, 2009 | | | | |
पश्चिम बंगाल में आर्थिक मंदी से लड़खड़ा चुकी फाउंड्री और इस्पात प्रसंस्करण इकाइयों की मदद के लिए स्टील प्रोसेसिंग क्लस्टर पार्क बनाए जाने की योजना है।
हावड़ा चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई) और पश्चिम बंगाल लघु उद्योग विकास निगम (डब्ल्यूबीएसआईडीसी) ने 1000 एकड़ के भूखंड पर स्टील प्रोसेसिंग क्लस्टर पार्क की स्थापना के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) तैयार किया है।
पश्चिम बंगाल में ज्यादातर फाउंड्री इकाइयां एसएमई सेगमेंट में आती हैं और लगभग 60 फाउंड्री इकाइयां बंद हो चुकी हैं। इन इकाइयों के बंद हो जाने से लगभग 40,000 लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है।
फाउंड्री क्षेत्र में पड़ने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) अब हावड़ा के घने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से योजनाबद्ध और ऐसे प्रदूषण-मुक्त औद्योगिक परिवेश में स्थानांतरित हो सकते हैं जो किसी छोटी इकाई को कभी भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।
एचसीसीआई के अध्यक्ष एस. के. सान्याल ने कहा कि यह कायाकल्प एचसीसीआई और डब्ल्यूबीएसआईडीसी की संयुक्त परियोजना बंगाल एचसीसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की वजह से होने जा रहा है।
इस एसपीवी यानी साझा परियोजना में डब्ल्यूबीएसआईडीसी की 11 फीसदी की हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सेदारी एचसीसीआई की है। स्टील प्रोसेसिंग क्लस्टर पार्क के लिए भूखंड राष्ट्रीय राजमार्ग-6 के पास है। यह भूखंड लगभग 1000 एकड़ में फैला होने का अनुमान है।
सान्याल ने कहा कि इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 375 एकड़ भूमि की जरूरत होगी जिसमें से 255 एकड़ भूमि की खरीद एचसीसीआई के 130 सदस्यों द्वारा परोक्ष रूप से की जा चुकी है। अन्य 375 एकड़ भूमि को दूसरे चरण में विकसित किया जाएगा और बाकी भूमि पर तीसरे चरण में काम किया जाएगा।
क्लस्टर में 500 से अधिक इकाइयों को बसाए जाने की संभावना है जिनमें रॉलिंग मिल, इस्पात प्रसंस्करण, फाउंड्री और छोटी इंजीनियरिंग इकाइयां प्रमुख रूप से शामिल होंगी। पहले चरण पर अनुमानित रूप से 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे 2012 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस पार्क से कुशल और अर्द्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 5,000 से अधिक रोजगार पैदा होने की संभावना है।
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