5जी पर सिफारिशों की समीक्षा करे ट्राई | |
मेघा मनचंदा / नई दिल्ली 06 10, 2019 | | | | |
► अगस्त 2018 में ट्राई ने 5जी के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज आधार कीमत की सिफारिश की थी
► 2016 की नीलामी में अनबिके स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य किया कम
► 5 जी की नीलामी 20 मेगाहर्ट्ज के ब्लॉक में की जाएगी
► दूरसंचार कंपनियों को 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड के देश भर में स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए न्यूनतम 9,840 करोड़ रुपये करने पड़ेंगे खर्च
दूरसंचार विभाग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर अपनी सिफारिशों की समीक्षा करने तथा बिक्री के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा बढ़ाने पर विचार करने को कहा है। इसके साथ ही चुनिंदा आवृत्ति वाले स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य बढ़ाने की भी मांग की है।
3400 से 3425 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल अभी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किया किया जा रहा है और इसे नीलामी से अलग रखा जाएगा। ट्राई ने विभिन्न बैंड्स पर उपलब्ध समूचे स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का सुझाव दिया है। हालांकि इसरो द्वारा जिन स्थानों या जिलों में 25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जा रहा है, वहां इसकी नीलामी नहीं होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इस बारे में ट्राई की प्रतिक्रिया डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) की 13 जून को प्रस्तावित बैठक से पहले आ सकती है। विभाग मंत्रिमंडल को प्रस्ताव भेजने से पहले इस पर ट्राई की मंजूरी चाहता है।
दूरसंचार विभाग ने नियामक से नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा भी बढ़ाने को कहा है। उक्त अधिकारी ने कहा, 'दूरसंचार क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण के बाद कंपनियों की ओर से कुछ स्पेक्ट्रम वापस किए गए हैं और पिछले साल अगस्त में आई ट्राई की सिफारिशों के बाद कुछ स्पेक्ट्रम के लाइसेंस की वैधता अवधि समाप्त हो चुकी है। ऐसे में नीलामी के लिए ज्यादा स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराने की गुंजाइश है।'
दूरसंचार विभाग ने कुछ आकर्षक बैंड्स पर आरक्षित कीमत बढ़ाने की भी मांग की है लेकिन इस बारे में अधिकारी ने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। नवनियुक्त दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में पिछले हफ्ते कहा था कि भारत इस साल 5जी स्पेक्ट्रम के साथ ही अन्य बैंडों के भी स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा। भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने भी कई बार इस साल के दौरान स्पेक्ट्रम नीलामी की उम्मीद जता चुके हैं, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगल 2019 के अंत तक नीलामी नहीं हुई तो 5जी के मामले में भारत पीछे रह सकता है। स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो भी शामिल होगी।
ट्र्राई ने देश भर में 5जी के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आधार मूल्य तय किया है और 2016 की नीलामी में अनबिके स्पेक्ट्रम की आधार कीमत कम की गई है। 5जी बैंड के 3300-3600 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 मेगाहर्ट्ज के ब्लॉक की जाएगी। 2016 में अनबिके 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आधार कीमत को 40 फीसदी कम कर देश भर के लिए 6,568 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज कर दिया गया है। ट्राई ने 19 सर्किलों के लिए 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आधार कीमत 4,651 करोड़ रुपये रखने की सिफारिश की है। इसी तरह 900 मेगाहर्ट्ज के लिए 1,622 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज दाम तय किए गए हैं।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के अलावा डीसीसी रेल मंत्रालय को मुफ्त में 700 मेगाहर्ट्ज वाले प्रीमियम स्पेक्ट्रम देने के प्रस्ताव पर भी निर्णय कर सकता है। भारतीय रेलवे ने अपनेे सिग्नल प्रणाली के लिए मुफ्त में यह स्पेक्ट्रम देने की मांग की है। दूरसंचार विभाग ने इस मामले को ट्राई के पास भेज दिया है।
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