बॉन्ड के जरिए एनबीएफसी ने जुटाई बहुत कम रकम | जश कृपलानी और अनूप रॉय / मुंबई June 09, 2019 | | | | |
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट गहरा रहा है और इन फर्मों के तरफ से देसी बाजार से बॉन्ड के जरिए जुटाई गई रकम मई में सात महीने के निचले स्तर 880 करोड़ रुपये पर आ गई। बैंंकिंग सिस्टम में हालांकि नकदी सरप्लस है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बैंकिंग सिस्टम से 87,553 करोड़ रुपये की नकदी निकाल ली। लेकिन यह एनबीएफसी क्षेत्र में नहीं जा रही, जो बैंक कर्ज समेत किसी भी जरिये से रकम जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। सितंबर 2018 में आईएलऐंडएफएस संकट के बाद बॉन्ड बाजार सुस्त होने के कई महीने बाद एनबीएफसी की तरफ से बॉन्ड जारी किए जाने की गतिविधियों में सुधार दिखने शुरू हो गया था।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में बॉन्ड के जरिए 7,755 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो नवंबर के मुकाबले चार गुने से ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि एनबीएफसी ने अक्टूबर में कोई बॉन्ड जारी नहीं किया। विश्लेषकों ने कहा कि दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन की तरफ से भुगतान में देरी से एक बार फिर ऋण बाजार में जोखिम नजर आ सकता है। सीएलएसए ने हालिया नोट में कहा है, डीएचएफएल के डिफॉल्ट से वित्तीय क्षेत्र में जोखिम बढ़ सकता है, जिससे लागत बढ़ेगी और बेहतर रेटिंग वाली एनबीएफसी की ओर फंडों का ध्रुवीकरण होगा।
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