डोनीमलाई में खनन बाधा बरकरार | उज्ज्वल जौहरी / June 09, 2019 | | | | |
पिछले महीने अपने निचले स्तर से एनएमडीसी (पूर्व में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) शेयर 15 प्रतिशत चढ़ चुका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती कीमतें और घरेलू स्तर पर लौह-अयस्क की मजबूत मांग कीमतों के लिहाज से मददगार साबित हो रही हैं। मार्च तिमाही के नतीजे भी उम्मीद से बेहतर रहे, जिससे निवेशकों का उत्साह बढ़ गया। हालांकि कर्नाटक में मुश्किलें जरूर पेश आई हैं, लेकिन कुल कारोबार में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका रही और कम लागत का लाभ भी कंपनी को मिला। सालाना आधार पर बिक्री महज 3.5 प्रतिशत कम रही, लेकिन क्रमागत आधार पर इसमें 17 प्रतिशत तेजी दर्ज हुई। मार्च तिमाही में कंपनी को दो बार कीमतों में कटौती करनी पड़ी और तीसरी बार अप्रैल के शुरू में (करीब 150 रुपये प्रति) कीमतें घटानी पड़ीं। इसके बाद रुझान बदला और कीमतें प्रति टन 250 रुपये बढ़ाई गईं। इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयस्क कीमतें 95 डॉलर प्रति टन से ऊपर है, जबकि मार्च में यह करीब 85 रुपये प्रति डॉलर हुआ करती थीं। दिसंबर में कीमतें 55 डॉलर प्रति टन थीं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयस्क कीमतें बढऩे से घरेलू कंपनियों के लिए भी संभावनाएं मजबूत हुई हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का कहना है कि आयात समानता पर विचार किया जाए तो चालू तिमाही में 9 प्रतिशत बढ़ोतरी करने के बाद भी कीमतों में 10-15 प्रतिशत बढ़ोतरी की गुंजाइश है। इससे स्पष्ट है कि प्राप्तियों में सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ से अधिक कारोबार भी कंपनी के हित में दिख रहा है। इस्पात की ऊंची मांग से देश में लौह-अयसक की मांग भी मजबूत है। ब्रोकरेज कंपनियों को कर्नाटक में खनन शुरू होने की उम्मीद है, इसलिए वे एनएमडीसी को लेकर सकारात्मक हैं। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि डोनीमलाई खान में परिचालन निलंबित है, लेकिन उन्हें लगता है कि एनडीएमसी बिना कोई राजस्व साझा किए अपने पट्टा लाइसेंस का नवीरकण कर सकती है। कंपनी के अनुसार छत्तीसगढ़ खनन पट्टा के नवीकरण में कोई जोखिम नहीं है। लिहाजा विश्लेषक शेयर के लिए महत्त्वपूर्ण बढ़त देख रहे हैं।
ऐंटिक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों ने मूल्य लक्ष्य में संशोधन किया है, क्योंकि इस्पात संयंत्र की शुरुआत से प्रतिफल अनुपात सुधरेगा और परिसंपत्ति का मूल्यांकन बढ़ जाएगा। हालांकि फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। ओडिशा में खननकर्ताओं का खनन पट्टा मार्च 2020 में समाप्त हो रहा है, लेकिन इससे पहले घरेलू बाजार में कुल बिक्री में इजाफा हो सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कीमतों के बाद भी घरेलू स्तर पर कीमतों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि डोनीमलाई में खनन शुरू होने को लेकर उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन ऐसा होने तक कंपनी की बिक्री में इजाफा नहीं दिख सकता है। कारोबारी चुनौतियों एवं ओडिशा से जुड़े जोखिमों के मद्देनजर निकट भविष्य में शेयर कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
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