एनईएफटी व आरटीजीएस पर अब शुल्क नहीं | निकहत हेटावकर / June 06, 2019 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को डिजिटल लेनदेन पर शुल्क में छूट का ऐलान किया और एटीएम पर लगने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति गठित कर दी।
एनईएफटी व आरटीजीएस शुल्क में छूट
देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावे देने के लिए आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करने का फैसला लिया।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, बैंकों को यह फायदा ग्राहकों को देना होगा। इस संबंध में एक हफ्ते के अंदर बैंकों को निर्देश जारी किए जाएंगे। आरटीजीएस के तहत बड़ी रकम का तत्काल हस्तांतरण हो जाता है जबकि एनईएफटी की व्यवस्था अन्य तरह की रकम हस्तांतरण के लिए है, जिसका परिचालन केंद्रीय बैंक करता है। आरबीआई ने इस पर न्यूनतम शुल्क लगाया, जिसका भार बैंक ग्राहकों पर डालते रहे हैं।
सर्वत्र टेक्नोलॉजिज के संस्थापक व उपाध्यक्ष मंदार अगाशे ने कहा, आरटीजीएस व एनईएफटी जैसे भुगतान मॉडलों पर शुल्क हटाने के साथ आरबीआई स्पष्ट तौर पर बैंकों को डिजिटल भुगतान की तरफ ले जा रहा है। भुगतान के डिजिटलीकरण को प्रोत्साहित करने और वित्तीय समावेशन में इजाफे के लिहाज से इसका सफर काफी लंबा होगा।
एटीएम इंटरचेंज शुल्क ढांचे की समीक्षा के लिए समिति
आरबीआई ने इंडियन बैंक एसोसिएशन की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला लिया है, जो हर तरह के एटीएम शुल्क आदि की जांच करेगा। इस समिति में सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा। समिति अपनी पहली बैठक के दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंप सकती है। समिति को सौंपे जाने वाले काम आदि के बारे में एक हफ्ते के भीतर सूचना जारी की जाएगी।
आरबीआई ने कहा, एटीएम इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एटीएम शुल्क आदि में बदलाव की हालांकि लगातार मांग होती रही है। एटीएम उद्योग वर्षों से इंटरचेंज शुल्क में बढ़ोतरी के लिए अभियान चलाता रहा है। इंटरचेंज के मुकाबले एटीएम परिचालन की बढ़ती लागत लागत से एटीएम का परिचालन अव्यवहारिक बन गया है। देश में एटीएम की संख्या दो लाख पर अटकी हुई है।
कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) के निदेशक के श्रीनिवास ने कहा, पिछले दो वर्षों से कैटमी इस बात को रेखांकित करता रहा है कि किस तरह से अपर्याप्त इंटरचेंज शुल्क अर्धशहरी व ग्रामीण इलाकों में एटीएम लगाने में बाधा डाल रहा है। हमें भरोसा है कि वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और देश में हर नागरिक को 5 किलोमीटर की परिधि में एटीएम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समिति इस महत्वपूर्ण कमी के समाधान के लिए सिफारिशें सौंपेगी।
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