5 किलोग्राम के सिलिंडर से बढ़ेगी 'उज्ज्वला' की लौ | शाइन जैकब / नई दिल्ली June 04, 2019 | | | | |
सरकार उज्ज्वला योजना के तहत उन क्षेत्रों में 14.2 किलोग्राम सिलिंडर के बजाय अब 5 किलोग्राम का सिलिंडर आवंटित करेगी, जहां गैस भराने (रिफिल) की दर कम रही है। सरकार ने यह निर्णय उन शिकायतों के बाद लिया है कि कुछ क्षेत्रों में गरीब इस योजना के तहत मिले रसोई गैस सिलिंडर में दोबारा गैस नहीं भरवा पाते हैं। इस समय बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलिंडर की कीमत दिल्ली में 737.50 रुपये है। जिन लोगों को सब्सिडी मिलती है, उन्हें एक सिलिंडर के लिए 497.37 रुपये देने पड़ते हैं। इसके मुकाबले सब्सिडी पर मिलने वाला 5 किलोग्राम का सिलिंडर 175.10 रुपये में मिलता है, जिससे खरीदना थोड़ा सस्ता होता है।
उज्ज्वला योजना के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को रसोई गैस की सुविधा दी जाती है और माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की दोबारी वापसी में इस योजना की अहम भूमिका रही है। सरकार के समक्ष एक बड़ी चुनौती यह थी कि उपभोक्ता प्रति वर्ष औसतन 7 सिलिंडर गैस भरवाते थे, लेकिन उज्ज्वला के लाभान्वित महज 3.28 सिलिंडर ही भरवाते थे। अब अपनी दूसरी पारी में मोदी सरकार इस मुद्दे पर खासा ध्यान दे रही है और अधिकारियों ने कम से कम ऐसे 10 जिलों की पहचान की है, जहां सिलिंडर दो बार ही भरे जाते हैं। इन क्षेत्रों में केवल 5 किलोग्राम वाला सिलिंडर आवंटित होगा। इन क्षेत्रों में पाकुड़, पश्चिमी सिंहभूम और गोड्डा (झारखंड), कोरिया, सूरजपुर, नारायणपुर, बामतारा (छत्तीसगढ़) अरवल, जहानाबाद व शेखपुरा (बिहार) शामिल हैं। 5 किलो के सिलिंडर के आवंटन के अलावा जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। उज्ज्वला योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में 7.19 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ता जोड़े गए हैं। इनमें 2 करोड़ उपभोक्ता 2016-17 में जोड़े गए औैर 1.56 करोड़ उपभोक्ता 2017-18 में जुड़े। शेष 3.63 करोड़ उपभोक्ता 2018-19 में इस योजना की दायरे में आए। योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को हुई थी।
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