चुनौतियों के साथ निर्मला को मिला खजाना | अर्चिस मोहन / नई दिल्ली May 31, 2019 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल के सदस्यों को उनके विभागों का आज आवंटन कर दिया। राष्ट्रपति भवन की ओर से 57 मंत्रियों - 24 कैबिनेट, 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों के विभागों की सूची जारी की गई। प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में अनुभवी और युवाओं दोनों को जगह दी है। हालांकि पिछले कार्यकाल में उम्मीदों से कमतर प्रदर्शन करने वालों को उन्होंने किनारे कर दूसरों को सीख देने की कोशिश की है। पिछली सरकार में शामिल रहे करीब 37 मंत्री को इस बार नई सरकार में जगह नहीं मिली लेकिन उनमें से कई दोबारा सांसद बने हैं। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले महीनों में प्रधानमंत्री जब अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, तो उनमें से कुछ को सरकार में शामिल किया जा सकता है। 2014 में मोदी ने नवंबर में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था और 21 अतिरिक्त सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी थी। इससे पहले 26 मई, 2014 को 40 मंत्रियों ने शपथ ली थी।
नई सरकार के मंत्रिमंडल में कुछ मंत्रियों के विभाग बदले गए हैं, वहीं कुछ को उन्हीं विभागों में बरकरार रखा गया है। आर्थिक क्षेत्र से जुड़े सात मंत्रालयों - वित्त, वाणिज्य एवं उद्योग, कृषि, दूरसंचार, नागरिक उड्डयन और पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी इस बार नए मंत्रियों को दी गई है। दूसरी ओर रेलवे, सड़क परिवहन, जहाजरानी, बिजली, कोयला और पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा उन्हीं मंत्रियों को दिया गया है, जो पिछली सरकार में इसे संभाल रहे थे। स्वास्थ्य कारणों से मंत्री पद से अलग रहने का आग्रह करने वाले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह निर्मला सीतारमण को केंद्रीय वित्त मंत्री बनाया गया है, वहीं हरदीप पुरी और अनुराग ठाकुर को वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सीतारमण रक्षा और कंपनी मामलों की मंत्री थीं। रक्षा मंत्रालय की तरह ही वित्त मंत्रालय में भी उन्होंने इंदिरा गांधी की बराबरी की है। सीतारमण भारत की दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुकी हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को देश का नया गृह मंंत्री बनाया गया है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहां भी शाह गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मोदी सरकार के पहली पारी में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह को नई सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया है। पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मामलों का मंत्री बनाया गया है। गोयल पहले की तरह रेलवे मंत्रालय का जिम्मा संभालते रहेंगे और साथ ही उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोदी के पिछले कार्यकाल में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सुरेश प्रभु के जिम्मे था। लेकिन नई सरकार में प्रभु को शामिल नहीं किया गया।
नितिन गडकरी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री बने रहेंगे लेकिन जहाजरानी मंत्रालय उनसे ले लिया गया है। लेकिन गडकरी के अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों का मंत्रालय दिया है। शुक्रवार को आए रोजगार के आंकड़ों को देखते हुए यह मंत्रालय मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रोजगार के सृजन के लिहाज से बेहद अहम होगा। कृषि क्षेत्र भी सरकार के लिए चिंता का विषय रहा है। राधा मोहन सिंह की जगह नरेंद्र सिंह तोमर को कृषि मंत्री बनाया गया है। तोमर के पास पिछली सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय था जो इस बार भी उनके पास बरकरार रहेगा। धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम मंत्री बने रहेंगे जबकि भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिवसेना ने अपने पास भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय बरकरार रखा है। हालांकि इस बार अनंत गीते की जगह यह जिम्मेदारी अरविंद सावंत को दी गई है।
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर स्वतंत्र प्रभार वाले कुछ मंत्रियों पर भरोसा किया है जिन्होंने पिछली सरकार में अहम योजनाओं के क्रियान्वयन में अच्छा काम किया था। पूर्व नौकरशाह आर के सिंह बिजली मंत्री बने रहेंगे। पुरी न केवल आवास एवं शहरी विकास मामलों का मंत्रालय संभालते रहेंगे बल्कि उन्हें नागरिक उड्डयन की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। मनसुख मंडवाडिया को जहाजरानी मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। पिछली सरकार में वह इसी मंत्रालय में गडकरी के राज्य मंत्री थे। राजस्थान की जोधपुर सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को हराने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्रालय दिया गया है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्घार मंत्रालय को मिलाकर यह मंत्रालय बनाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति इरानी इस बार कपड़ा मंत्रालय के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी संभालेंगी।
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