ज़ी में प्रवर्तक हिस्सेदारी बेचने की तैयारी | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली May 29, 2019 | | | | |
सुभाष चंद्रा के नेतृत्व वाले एस्सेल ग्रुप ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ज़ी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की संभावनाएं तलाश रहा है ताकि ऋण पुनर्भुगतान के लिए रकम जुटाई जा सके। समूह अपनी बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों की बिक्री से शुरुआती लक्ष्य से अधिक रकम जुटाने की उम्मीद कर रही है। इस मामले के एक करीबी सूत्र ने बताया कि एस्सेल समूह किसी रणनीतिक निवेशक के साथ समझौता पर भी कर सकता है। प्रवर्तकों ने अपनी बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों की बिक्री से 9 से 10 हजार करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद जताई है। इससे पहले 7,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। समूह विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहा है लेकिन वह 13,000 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान के लिए सितंबर की अंतिम समय-सीमा को संभवत: बढ़ाने का आग्रह कर सकता है। समय-सीमा में विस्तार मिलने पर समूह ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में आंशिक हिस्सेदारी बेचने के लिए बेहतर स्थिति में होगा। यदि लेनदार समय-सीमा में विस्तार देने से इनकार करता है तो चंद्रा ज़ी में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए निजी इक्विटी फंड सहित वित्तीय निवेशकों के साथ सौदा करने पर विचार कर सकते हैं। समूह का मानना है कि शेष ऋण के पुनर्भुगतान के लिए मौजूदा बाजार मूल्य पर यह पर्याप्त होगा।
सूत्रों ने कहा कि परिसंपत्ति बिक्री से बेहतर प्राप्तियों के साथ समूह को जुलाई के अंत तक ज़ी एंटरटेनमेंट में अपने 20 फीसदी शेयर बेचने की जरूरत संभवत: नहीं होगी। मोटे तौर पर समूह को प्रवर्तक हिस्सेदारी की बिक्री से 3 से 4 हजार करोड़ रुपये जुटाने की जरूरत होगी जबकि इससे पहले 6 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई गई थी। ऐसे में किसी रणनीतिक निवेशक के साथ सौदा करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इस मामले के एक करीबी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इससे पहले उन्हें किसी रणनीतिक निवेशक की दरकार थी और वे 25 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचना चाहते थे क्योंकि उन्हें चूक से बचने के लिए सितंबर तक रकम जुटाने की जरूरत थी।' उन्होंने कहा कि अब किसी रणनीतिक निवेशक के साथ मोलभाव करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। अधिकारी ने कहा, 'निवेशक न केवल नकदी के लिए महत्त्वपूर्ण होगा बल्कि प्रौद्योगिकी और वैश्विक मौजूदगी के लिहाज से भी काफी अहम होगा।'
ज़ी समूह के प्रवक्ता ने कहा, 'ज़ी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया उन्नत चरण में है। समूह को दो गैर-बाध्यकारी अनुबंध पत्र प्राप्त हुए और 30 सितंबर की अंतिम समय-सीमा के लिहाज से पूरी प्रक्रिया बिल्कुल सही राह पर है। समझौते की गोपनीयता के लिहाज से फिलहाल अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।' प्रवर्तकों ने गैरबैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) और म्युचुअल फंडों से 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था ताकि दीर्घावधि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके। इसके लिए ज़ी एंटरटेनमेंट में प्रवर्तकों की करीब 59 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखी है। इसी साल 25 जनवरी को कंपनी के शेयर में आई गिरावट के बाद कुछ लेनदारों ने आनन-फानन में 500 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों को भुना लिया था। लेनदारों के साथ बैठक के बाद प्रवर्तकों ने सितंबर तक ऋण के पुनर्भुगतान के लिए सहमति जताई थी। इसके लिए कुछ बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों की बिक्री और ज़ी एंटरटेनमेंट में प्रवर्तकों की आधी हिस्सेदारी (41.6 फीसदी) की बिक्री के जरिये रकम जुटाने की योजना बनाई गई थी।
|