निवेदिता मुखर्जी और शुभमय भट्टाचार्य / नई दिल्ली 05 23, 2019
लोकसभा चुनावों में जबरदस्त जीत के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने नए मंत्रिमंडल के गठन से पहले ही अहम मंत्रालयों और विभागों में शीर्ष स्तर पर भारी फेरबदल की तैयारी शुरू कर दी है। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा का कार्यकाल 14 जून को खत्म हो रहा है और सरकार की प्राथमिकता उनका उत्तराधिकारी खोजने की है। सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1977 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। इस पद के लिए गृह सचिव राजीव गावा की दावेदारी सबसे मजबूत मजबूत मानी जा रही है। वह 1982 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी है। सिन्हा को मई 2015 में कैबिनेट सचिव बनाया गया था और उन्हें दो बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के बारे में भी चर्चा चल रही है। अगर 1968 बैच के केरल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अजित डोभाल को 74 साल की उम्र में कोई दूसरा अहम पद दिया जाता है तो सरकार पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को उनकी जगह ला सकती है। अभी वह टाटा के वैश्विक कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष हैं। हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी कंपनी के साथ जुड़े होने के कारण उन्हें संवेदनशील पद पर नियुक्त करना मुश्किल हो सकता है। 64 साल के जयशंकर 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के कार्यकाल को आगे बढ़ाया जा सकता है। मिश्रा 1967 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। यह साफ नहीं है कि उन्हें पांच साल के लिए नियुक्त किया जाएगा या नहीं। अगर सरकार अधिकारियों के लिए 75 साल की उम्र सीमा तय करती है तो उन्हें छोटा कार्यकाल दिया जा सकता है। ऐसा हुआ तो प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी के मिश्रा को प्रधान सचिव बनाया जा सकता है। 70 साल के पी के मिश्रा 1972 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी हैं। यह चर्चा भी है कि नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत को जल्द ही पीएमओ में लाया जा सकता है। कांत 1980 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं।
रक्षा सचिव का पद भी खाली होने जा रहा है। अभी इस पद पर नियुक्त संजय मित्रा इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मित्रा के उत्तराधिकारी के रूप में बिहार कैडर के तीन अधिकारियों का नाम चल रहा है। इनमें पर्यावरण सचिव सी के मिश्रा, उद्योग सचिव रमेश अभिषेक और ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा शामिल हैं। वित्त मंत्रालय में भी अफसरशाही में व्यापक बदलाव के संकेत हैं। सूत्रों के मुताबिक गुजरात के मुख्य सचिव जे एन सिंह को केंद्र में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। सिंह 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल को भी केंद्र में अहम पद दिया जा सकता है। बैजल 1969 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। स्वच्छ भारत अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले पेयजल एवं स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर और कंपनी मामलों के सचिव इंजेटी श्रीनिवास को भी अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद की जा रही है। अय्यर 1981 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर और श्रीनिवास 1983 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं।
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