ग्रोफर्स ने जुटाई बड़ी रकम | नेहा अलावधी / नई दिल्ली May 15, 2019 | | | | |
किराने की वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी ग्रोफर्स ने सॉफ्टबैंक विजन फंड के नेतृत्व में ताजा दौर के निवेश के तहत 20 करोड़ डॉलर जुटाने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि एफ दौर के निवेश में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट एवं सिकोया कैपिटल जैसे मौजूदा निवेशकों के अलावा एक नया निवेशक केटीबी ने भी भाग लिया। बाजार में बिगबास्केट और एमेजॉन नाउ जैसे प्रतिस्पर्धियों को तगड़ी प्रतिस्पर्धा देने वाली कंपनी ग्रोफर्स ने कहा है कि वह ताजा दौर के तहत जुटाई गई रकम का इस्तेमाल नए बाजारों में अपने विस्तार पर करेगी। इसके तहत वह अपनी आपृर्ति शृंखला तैयार करने, गोदाम बुनियादी ढांचा और निजी लेबल के उत्पादों पर निवेश करेगी जो उसके प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
पिछले साल मार्च में ग्रोफर्स ने सॉफ्टबैंक ग्रुप के नेतृत्व में निवेश के एक अन्य दौर के तहत 6.2 करोड़ डॉलर जुटाए थे। उस रकम का इस्तेमाल कंपनी ने अपने गोदामों की जगह को दोगुना करने के साथ-साथ ताजा नियुक्तियों और निजी लेबल की संख्या बढ़ाने पर में किया था। इस साल के आरंभ में कंपनी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि उसने अपनी कुछ ऑफलाइन विस्तार योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अलबिंदर ढींडसा ने कहा, 'हमारा निजी लेबल कारोबार काफी अच्छा रहा है और अब तक हमारे करीब 780 लेबल हैं। हम अगले साल तक इसकी संख्या बढ़ाकर 1,200 ब्रांड करना चाहते हैं।' हालांकि कंपनी ताजा दौर के निवेश के बाद अपने मूल्यांकन का खुलासा नहीं करती है लेकिन ढींडसा ने कहा कि कंपनी अभी 100 अरब डॉलर के कारोबार वाली कंपनियों की जमात में नहीं पहुंची है।
करीबी प्रतिस्पर्धी बिगबास्केट ने इस महीने के आरंभ में कहा था कि उसकी मूल कंपनी सुपरमार्केट ग्रोसरी ने एक निवेश दौर के तहत दक्षिण कोरिया की मिरे ऐसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड, ब्रिटेन के सीडीसी ग्रुप और मौजूदा निवेशक अलीबाबा से 15 करोड़ डॉलर जुटाए और अब वह 100 अरब डॉलर के कारोबार वाली कंपनियों की जमात में शामिल हो चुकी है। ई-ग्रोसरी क्षेत्र में 2015 में संकट का दौर उस समय शुरू हो गया था जब लोकल बनया, पेपर टैप, आस्कमी बाजार सहित तमाम ई-ग्रोसरी कंपनियों ने भारी छूट और कम मार्जिन के कारण अपनी दुकानें बंद कर ली थीं। ढींडसा ने कहा कि ऑनलाइन किराना क्षेत्र का परिदृश्य अब सकारात्मक दिख रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान ग्रोफर्स को उसके तकनीकी प्लेटफॉर्म और प्रमुख बाजारों पर ध्यान केंद्रित किए जाने से अपना सालाना राजस्व 800 फीसदी बढ़ाकर 40 करोड़ डॉलर करने में मदद मिली थी।
देश में स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता, सस्ते 4जी नेटवर्क डेटा और ग्राहकों की खर्च करने की क्षमता बढऩे से ई-कॉमर्स को बढा़वा मिला है। सलाहकार फर्म ईवाई की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स और उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों ने 2018 में निजी इक्विटी एवं वेंचर कैपिटल फर्मों से करीब 7 अरब डॉलर जुटाए
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