मैकडॉनल्ड्स व बख्शी की अदालत से बाहर होगी सुलह | भाषा / नई दिल्ली May 06, 2019 | | | | |
पिछले पांच साल से एक दूसरे के खिलाफ विवाद में उलझे मैकडॉनल्ड्स और विक्रम बख्शी ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को बताया कि वह आपसी विवाद को अदालत से बाहर निपटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन एस जे मुखोपाध्याय के नेतृत्व वाले दो सदस्यीय पीठ के समक्ष मैकडॉनल्ड्स इंडिया प्रा. लिमिटेड के अधिवक्ता और विक्रम बख्शी के वकील ने कहा कि वह आपसी विवाद निपटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। पीठ ने दोनों पक्ष में से किसी एक को विवाद निपटान की शर्तों के साथ हलफनामा दायर करने को कहा। पीठ ने कहा कि 13 मई को होने वाली अगली सुनवाई में यह हलफनामा दायर किया जाना चाहिए। मैकडॉनल्ड्स और बख्शी ने 1995 में एक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
यह समझौता भारत में अमेरिका की इस फास्ट फूड कंपनी के बिक्री केंद्र खोलने के बारे में किया गया था। समझौता 25 साल के अवधि के लिए किया गया। दोनों भागीदारों ने कनॉट प्लाजा रेस्टारेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) नाम से बराबर-बराबर भागीदारी वाला संयुक्त उद्यम बनाया। इस संयुक्त उद्यम कंपनी को मैकडॉनल्ड्स के नाम से देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में बिक्री केंद्र खोलने का जिम्मा दिया गया। वर्ष 2017 में रॉयल्टी नहीं मिलने पर मैकडॉनल्ड्स ने सीपीआरएल के साथ समझौता निरस्त कर दिया। लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद बख्शी का उत्तर और पूर्वी भारत के 165 मैकडॉनल्ड्स ब्रांड
के रेस्तरां पर कब्जा बरकरार रहा। जबकि दक्षिण और पश्चिमी भारत में मैकडॉनल्ड्स नाम से कारोबार चलाने का ठेका अमित जटिया के नेतृत्व वाले वेस्टलाइफ डेवलपमेंट के पास है। मैकडॉनल्ड्स और बख्शी के बीच खींचतान की शुरुआत तब हुई जब 2013 में बख्शी को सीपीआरएल के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया। इसके बाद बख्शी एनसीएलटी पहुंच गए, जहां से उन्हें फिर से पद पर बिठा दिया गया। इसके बाद मैकडॉनल्ड्स ने उनको पद पर बिठाने के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी।
|