18.50 रुपये रोजाना दें स्कूटर मालिक बनें | |
शैली सेठ मोहिले / मुंबई 05 05, 2019 | | | | |
हीरो मोटोकॉर्प ने ग्राहकों को लुभाने के लिए एक पुनर्खरीद योजना शुरू की है। इसके तहत अगर कोई हीरो का नया स्कूटर खरीदता है तो वह पांच साल के भीतर उसे कंपनी को ही बेच सकता है। कंपनी का कहना है कि इस योजना का मकसद देश में स्कूटरों की बिक्री तेजी लाना है। हीरो मोटोकॉर्प के बिक्री प्रमुख संजय भान ने कहा कि इस योजना को बायश्योरेंस नाम दिया गया है और यह दोपहिया बाजार में अपनी तरह की पहली योजना है। प्लेजर और डेस्टिनी मॉडल बनाने वाली इस कंपनी का मानना है कि इस योजना से बाजार में विश्वास बहाल होगा और उसे अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस बाजार में होंडा मोटरसाइकल और टीवीएस मोटर कंपनी का दबदबा है।
भान ने कहा, 'हम स्कूटर बाजार में देर से उतरे। बाकी कंपनियां पहले आ चुकी थीं। हमें न केवल इस अंतर को पाटना है बल्कि ऊंची छलांग लगानी है। इस तरह की योजना से हमें अपेक्षा के अनुरूप परिणाम मिलेगा।' हीरो ने पुराने दोपहिया वाहनों के ऑनलाइन मार्केटप्ले ब्रांड क्रेडआर के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है। इस पेशकश के तहत हीरो का नया स्कूटर खरीदने वालों को क्रेडआर की तरफ से गारंटीड पुनर्खरीद का एक प्रमाणपत्र मिलेगा। इसमें अगले पांच साल तक हर छह महीने के हिसाब से एक तय पुनर्खरीद मूल्य होगा। इसका फायदा उठाने के लिए खरीदारों को हीरो के डीलरों से संपर्क करना होगा।
पांच साल की वारंटी के अलावा ग्राहक को मॉडल के एक्स शोरूम कीमत का एक तय मूल्य मिलेगा। यह राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि स्कूटर पहले साल में बिक रहा है या दूसरे, तीसरे, चौथे या पांचवें साल में। उदाहरण के लिए अगर कोई स्कूटर बेचता है और पुणे में तीसरे साल में इस स्कूटर की एक्स शोरूम कीमत 50,000 रुपये है तो इस राशि का 60 फीसदी यानी 30,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। भान ने कहा, 'इस तरह असल में ग्राहक तीन साल में 20,000 रुपये खर्च कर रहा है। यह राशि प्रति वर्ष करीब 6,666 रुपये, प्रति महीने 555 रुपये और प्रति दिन 18.50 रुपये बैठती है। यह ऑटो की सवारी से भी कम होगा जिसके लिए दिल्ली में पहले किलोमीटर के लिए 14 रुपये चुकाने पड़ते हैं।'
भान ने स्वीकार किया कि हीरो के लिए स्कूटरों की बिक्री चिंताजनक रही है और यही वजह है कि कंपनी बिक्री बढ़ाने के लिए इस तरह के उपाय कर रही है। कंपनी को उम्मीद है कि पुनर्खरीद योजना से उसे बिक्री और बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। एंट्री लेवल 100सीसी श्रेणी में बिक्री घटने से हीरो का जोर 125सीसी श्रेणी पर है। डेस्टिनी 125सीसी को उतारना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। इस स्कूटर को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इसे पिछले साल नवंबर में उतारा गया था ओर इस साल मार्च तक कंपनी एक लाख यूनिट बेच चुकी है।
कड़ी प्रतिस्पद्र्घा वाले स्कूटर बाजार में हीरो का सफर आसान नहीं रहा है। उसने 2005 में इसमें प्रवेश किया था और होंडा तथा दूसरी कंपनियों के ग्राहकों को खीचनें के लिए कई मॉडल बाजार में उतारे लेकिन उसे इसमें अच्छी कामयाबी नहीं मिली। स्कूटर बाजार में होंडा की 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है जबकि हीरो तीसरे स्थान पर है। पिछले साल अगस्त से दोपहिया वाहने की बिक्री की रफ्तार में कमी आई थी और उसके बाद बीमा किस्त बढऩे और आईएलऐंडएफएस संकट के कारण नकदी संकट से स्थिति और बदतर हो गई। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूटरों की बिक्री पर पड़ा है जिनमें ईंधन की खपत मोटरबाइक से ज्यादा होती है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री 13 साल में पहली बार घटी थी। भारत दुनिया में दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा बाजार है। हीरो मोटोकॉर्प ने ग्राहकों को लुभाने के लिए एक पुनर्खरीद योजना शुरू की है। इसके तहत अगर कोई कंपनी का नया स्कूटर खरीदता है तो वह पांच साल के भीतर उसे बेच सकता है। कंपनी का कहना है कि इस योजना का मकसद देश में स्कूटरों की बिक्री तेजी लाना है।
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