बीएसएनएल में प्रबंधन संकट गहराने के आसार | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली April 29, 2019 | | | | |
नकदी की किल्लत से जूझ रही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को निकट भविष्य में प्रबंधन से जुड़ा संकट गहराने का संकेत दिख रहा है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन स्तर पर संकट पैदा होता दिख रहा है, क्योंकि कई निदेशक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव एंटरप्राइज व्यवसाय की अतिरिक्त जिम्मेदारी देख रहे हैं, विवेक बंसल सीएफए (कंज्यूमर फिक्स्ड एक्सेस) और मोबिलिटी व्यवसाय संभाल रहे हैं तथा सुजाता रे एचआर निदेशक हैं। महीने के अंत तक रे द्वारा कार्यालय छोडऩे से श्रीवास्तव और बंसल के लिए ये जिम्मेदारियां संभालनी होंगी।
श्रीवास्तव चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के तौर पर पी के पुरवार की जगह लेंगे। पुरवार मौजूदा समय में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के सीएमडी हैं। पब्लिक एंटरप्राइजेज सलेक्शन बोर्ड (पीईएसबी) ने 9 उम्मीदवारों पर विचार करने के बाद पुरवार को जून में बीएसएनएल की जिम्मेदारी के लिए चुना। पुरवार ने इस बारे में पूछे जाने पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वर्ष 2015 में श्रीवास्तव को पांच साल (या 60 साल की सेवानिवृत्ति उम्र तक) के लिए बीएसएनएल का सीएमडी नियुक्त किया गया था।
अंतरिम जिम्मेदारी संभालने के बाद मई 2018 में पुरवार को एमटीएनएल के पूर्णकालिक चेयरमैन के तौर पर कन्फर्म किया गया था। कंपनी के वित्तीय संकट में होने की वजह से उन्हें बीएसएनएल की जिम्मेदारी संभालने की उम्मीद की गई। विश्लेषकों का मानना है कि जो भी मौजूदा समय में बीएसएनएल की कमान संभाले, उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी में पूंजीगत खर्च के लिए कोष उपलब्ध हो। लगातार पूंजीगत खर्च के जरिये कंपनी निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो सकती है। केंद्र सरकार भी बीएसएनएल के लिए 13,000 करोड़ रुपये की मदद मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही है जिसमें 6,365 करोड़ रुपये स्वैच्छिक सेवानिवृति पैकेज के लिए शामिल हैं।
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