जैतापुर परियोजना के लिए भारत से संप्रभु गांरटी की जरूरत: ईडीएफ | भाषा / नई दिल्ली April 21, 2019 | | | | |
जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में रिएक्टरों के निर्माण का ठेका पाने वाली फ्रांस की कंपनी ईडीएफ का कहना है कि परियोजना के वित्त पोषण के लिए भारत को फ्रांस की दो अन्य सरकारी कंपनियों को संप्रभु गारंटी उपलब्ध करानी होगी। महाराष्ट्र के जैतापुर में ईडीएफ भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करेगी। इसमें 1,650-1650 मेगावॉट क्षमता के 6 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर होंगे। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में ही भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) को एक प्रौद्योगिकी-वाणिज्यिक पेशकश की थी। एनपीसीआईएल परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत काम करने वाली एक सरकारी कंपनी है। यह देश में 20 परमाणु रिएक्टरों का परिचालन करती है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने अभी भी कंपनी की प्रौद्योगिकी-वाणिज्यिक पेशकश पर जवाब नहीं दिया है। ईडीएफ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष विकास रामने ने एक सवाल के जवाब में कहा कि परियोजना की कुल लागत गोपनीय है और मौजूदा विकास चरण में इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए ईडीएफ सिर्फ रिएक्टरों की ईपीआर (यूरोपीय प्रेसराइज्ड (वाटर) रिऐक्टर) प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने वाली कंपनी के तौर पर काम करेगी। वह इस परियोजना में निवेश नहीं करेगी, लेकिन अधिक से अधिक वित्तीय बातचीत में शामिल होगी।
रामने ने कहा कि एनपीसीआईएल और अन्य कर्जदाता इस परियोजना के लिए वित्त उपलब्ध कराएंगे। फ्रांस सरकार की निर्यात क्रेडिट योजना के तहत बैंक और कर्जदाता परियोजना के लिए जरूरी कर्ज का अहम हिस्सा उपलब्ध कराएंगे। फ्रांस सरकार की इस योजना को दो प्रमुख फ्रांसीसी वित्तीय संस्थान बीपीआई फ्रांस और एसएफआईएल का समर्थन प्राप्त है।
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