क्रेडिट कार्ड देने से बैंक का इनकार तो सिक्योर्ड कार्ड है विकल्प | सरबजीत के सेन / April 21, 2019 | | | | |
कई लोग क्रेडिट कार्ड के इतने आदी होते हैं कि वे कार्ड के बगैर जीने के बारो में सोच भी नहीं सकते। लेकिन बैंक से क्रेडिट कार्ड पाना इतना आसान नहीं होता और अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से 900 के बीच नहीं होता तब तो यह काम और भी मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर ही नहीं होता। उदाहरण के लिए छात्रों को ही ले लीजिए। उनके साथ कम वेतन पाने वाले लोगों, आय का सबूत नहीं दे पाने वाले या अनियमित आय वाले लोगों, काली सूची में डाले गए यानी ब्लैकलिस्टेड इलाकों में रहने वाले लोगों के क्रेडिट स्कोर नहीं होते क्योंकि उन्होंने कभी किसी तरह का कर्ज या क्रेडिट कार्ड लिया ही नहीं होता है। ऐसे लोगों को क्रेडिट स्कोर खड़ा करने या क्रेडिट कार्ड पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
ऐसे लोगों के लिए दूसरे किस्म का क्रेडिट कार्ड बेहतर विकल्प है। यह कार्ड सावधि जमा यानी एफडी के बदले दिया जाता है। क्रेडिट कार्ड उद्योग की आम बोलचाल में इसे 'सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड' भी कहा जाता है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड किसी दूसरे क्रेडिट कार्ड की ही तरह काम करता है। इसमें भी उधारी की एक सीमा यानी क्रेडिट लिमिट, बिलिंग साइकल, भुगतान की आखिरी तारीख, एक्सपायरी डेट आदि होती हैं। दोनों के बीच केवल एक ही अंतर होता है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड किसी की कर्ज हासिल करने या चुकाने की क्षमता देखकर नहीं दिया जाता।
यह कार्ड मिलता कैसे है?
आवेदक क्रेडिट कार्ड के लिए फॉर्म भरता है और जारी करने वाले बैंक में उसी समय एक निश्चित राशि जैसे 1 लाख रुपये की एफडी भी करा लेता है। बैंक आवेदक को क्रेडिट कार्ड जारी कर देता है, जिसकी क्रेडिट लिमिट लगभग 75,000 रुपये हो सकती है। ऐसे कार्ड में क्रेडिट लिमिट यानी उधारी की सीमा एफडी की राशि से कम ही रखी जाती है और उस राशि की 75 से 90 फीसदी तक हो सकती है। यदि क्रेडिट कार्ड धारक तय तारीख तक बकाया चुकाने में नाकाम रहता है और बकाया एफडी में जमा राशि के आसपास पहुंचने लगता है तो बैंक उसकी एफडी तोड़ देता है और अपना समूचा बकाया उससे वसूल लेता है।
इसमें कार्ड जारी करने वाले और आवेदन करने वाले दोनों का फायदा होता है। बैंक की रकम पूरी तरह महफूज रहती है क्योंकि उसके पास एफडी पहले से ही होती है। ऐसे में अगर कार्डधारक बकाया चुकाने में चूक करता है तो बैंक एफडी तोड़कर उसे वसूल लेता है। यही वजह है कि जिन आवेदकों का उधार चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा हो, उन्हें भी कार्ड देने में बैंक को हिचक नहीं होती। आवेदक को कार्ड मंजूर होने के लिए हफ्तों का इंतजारा भी नहीं करना पड़ता क्योंकि एफडी कराते ही बैंक उसे कार्ड जारी कर देता है और फौरन उसका इस्तेमाल भी शुरू किया जा सकता है। यह सब तो सही है, लेकिन सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको अपना क्रेडिट स्कोर खड़ा करने का मौका मिल जाता है।
बढ़ाएं अपना क्रेडिट स्कोर
जरा सोचिए कि कर्ज नहीं चुका पाने वाले व्यक्ति यानी डिफॉल्टर की क्या हालत होती होगी। कोई भी बैंक उसे कर्ज नहीं देना चाहेगा और अगर देगा तो बेहद ऊंची दर पर ब्याज उससे वसूलेगा। यदि ऐसे व्यक्ति को उधार चुकाने का अच्छा रिकॉर्ड बनाना है तो सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड बेहद कारगर साबित हो सकता है बशर्ते उसका इस्तेमाल सोच-समझकर किया जाए। क्रेडिटमंत्री डॉट कॉम के सह संस्थापक रंजीत पुंजा समझाते हैं, 'सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने और लगातार वक्त पर बकाया चुकाने की अपनी क्षमता दिखाने से किसी भी व्यक्ति का अच्छा क्रेडिट स्कोर खड़ा हो जाएगा। अच्छा तो यही है कि क्रेडिट कार्ड में दी गई उधारी सीमा का 50 फीसदी से भी कम इस्तेमाल ही किया जाए ताकि क्रेडिट स्कोर में ज्यादा से ज्यादा सुधार हो सके।'
कार्डधारक अपने क्रेडिट कार्ड का बकाया भुगतान की तारीख पर अपने बैंक बचत खाते से ही काट लेने के स्थायी निर्देश भी दे सकता है। ऐसे में उसे ध्यान रखना पड़ेगा कि खाते में पर्याप्त रकम रहे। यदि वह क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाता रहता है और क्रेडिट लिमिट के इस्तेमाल का उसका अनुपात भी कम रहता है तो 24 से 36 महीने के भीतर उसका क्रेडिट स्कोर अच्छा खासा बढ़ सकता है। क्रेडिट इस्तेमाल के स्तर का हिसाब कार्ड पर चढ़ी कुल उधारी को मौजूद क्रेडिट लिमिट से भाग देकर निकाला जाता है। यदि किसी के कार्ड की क्रेडिट लिमिट 80,000 रुपये है और उसने कुल 40,000 रुपये की उधारी कर ली है तो उसका क्रेडिट उपयोग अनुपात 50 फीसदी होगा।
चुनिए अच्छे से अच्छा सौदा
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड में उसी तरह के फायदे मिलते हैं, जैसे सामान्य क्रेडिट कार्ड में होते हैं। इसीलिए आवेदक को अलग-अलग बैंकों से संपर्क करना चाहिए और कम से कम शुल्क तथा अधिक से अधिक फीचर वाला कार्ड हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। पैसाबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी और सह संस्थापक नवीन कुकरेजा कहते हैं, 'सिक्योर्ड कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को सामान्य कार्ड के आवेदकों की तरह की पड़ताल करनी चाहिए। उन्हें विभिन्न सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड देखने चाहिए और उन पर लगने वाले फाइनैंस चार्ज, क्रेडिट लिमिट, वार्षिक शुल्क, रिवार्ड पॉइंट की प्रणाली, कैश बैक, छूट तथा अन्य फायदों की तुलना करनी चाहिए। इसके बाद ही सटीक कार्ड चुनना चाहिए।'
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