कारोबारियों को और राहत: मोदी | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली April 19, 2019 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय व्यापारी महासम्मेलन में कारोबारियों के लिए उनकी सरकार द्वारा किए कामों का लेखा-जोखा पेश कि या। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने व्यापारियों को राहत देने के लिए तमाम प्रोत्साहन देकर कारोबार को सरल बनाया है और आगे भी कारोबारियों को राहत देते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कारोबारी खासकर छोटे कारोबारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होते हैं लेकिन उन्हें इससे पहले कभी वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं। उनके योगदान के बिना भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि उनके कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है जबकि कांग्रेस ने कारोबारियों को चोर बताकर उनका अपमान किया है।
मोदी ने कहा कि कारोबारियों की सहूलियत के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया। जीएसटी के शुरुआती चरण में दिक्कतें होने पर सरकार ने कारोबारियों की सलाह पर इसमें कई सुधार किए। आज जीएसटी में 98 फीसदी वस्तु एवं सेवाएं 18 फीसदी व इससे कम कर दर के दायरे में है। सरकार ने कारोबारी सुगमता को बढ़ाने पर खास जोर दिया। आज भारत कारोबारी सुगमता की वैश्विक रैंकिंग में 77वें स्थान पर है और इसे 50वें स्थान पर लाने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है। कारोबारियों को अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं, उनके ज्यादातर काम घर बैठे ऑनलाइन हो रहे हैं। जीएसटी से कारोबार में पारदर्शिता आने का ही परिणाम है कि कर देने वाले कारोबारियों की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे कारोबारियों को कर्ज मिलने में दिक्कत देखकर सरकार ने मुद्रा योजना शुरू की। इस योजना के तहत नया कर्ज लेने वालों की संख्या करीब 4.5 करोड़ है। सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के कर्ज को 59 मिनट में मंजूरी देने के साथ एमएसएमई से सरकारी खरीद की सीमा भी 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी। जीएसटी पंजीयन से छूट की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने आगे कारोबारियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के बारे में कहा कि चुनाव जीतने के बाद उनकी सरकार कारोबारियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। यह कारोबारियों की सलाह पर काम कर उनकी समस्याओं को सुलझाएगा। खुदरा कारोबार को बढ़ावा देने के लिए नई राष्ट्रीय खुदरा नीति तैयार की जाएगी। जीएसटी पंजीकृत कारोबारियों को 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर व्यापारी क्रेडिट कार्ड, बिना गारंटी 50 लाख रुपये तक कर्ज की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा छोटे दुकानदारों को पेंशन दी जाएगी।
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