हेलीकॉप्टर जांच पर सियासत हुई तेज | एजेंसियां / April 18, 2019 | | | | |
निर्वाचन आयोग ने ओडिशा के संबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच को लेकर बुधवार की रात को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया। आयोग ने विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिहाज से इसे नियमों का उल्लंघन बताया। अपने आदेश में आयोग ने कहा कि मोहम्मद मोहसिन को एसपीजी की सुरक्षा हासिल करने वालों के प्रति दिए गए निर्देशों के उलट कदम उठाने के लिए निलंबित किया जाता है। मोदी 16 अप्रैल को संबलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए थे।
जांच पर एतराज क्यों: कांग्रेस
कांग्रेस ने कर्नाटक काडर के आईएएस अधिकारी मोहसिन के खिलाफ निर्वाचन आयोग की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि आयोग ने नौकरशाह को नियमों का हवाला देकर जो सजा दी है उससे प्रधानमंत्री के वाहनों की जांच किए जाने की प्रक्रिया से छूट नहीं मिलती है। पार्टी ने एक ट्वीट कर सवाल किया, 'वाहनों की जांच का अपना काम करने के लिए निर्वाचन आयोग ने एक अधिकारी को निलंबत कर दिया। नियमों के मुताबिक प्रधानमंत्री के वाहन को तलाशी से छूट नहीं है। प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या ले जा रहे हैं जिसे वह भारत को दिखाना नहीं चाहते।' आम आदमी पार्टी (आप) ने भी एक ट्वीट में मोदी की आलोचना करते हुए कहा, 'जिस अधिकारी ने प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच की उसे निलंबित कर दिया गया। चौकीदार अपने ही सुरक्षा दायरे में रहते हैं। क्या चौकीदार कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।'
मोहसिन उस वक्त संबलपुर के जनरल पर्यवेक्षक की भूमिका में थे और आयोग का कहना है कि उन्होंने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया। मोदी को मोहसिन की इस कार्रवाई की वजह से संबलपुर में करीब 15 मिनट तक रुकना पड़ा। भुवनेश्वर के एक अधिकारी ने बताया, 'प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश के अनुरूप नहीं है क्योंकि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को इस तरह की जांच से छूट मिलती है।' ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की जांच भी मंगलवार को राउरकेला में की गई। इसी तरह की जांच संबलपुर में मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हेलीकॉप्टर की भी की गई।
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