स्पाइसजेट व इंडिगो के शेयरों ने कुछ ही दिनों में भरी छलांग | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली April 18, 2019 | | | | |
पिछले कुछ महीनों में जेट एयरवेज की उड़ान में धीरे-धीरे हुई कमी दूसरी विमानन कंपनियों के लिए वरदान साबित हुई है, जो न सिर्फ इस विमानन कंपनी की बाजार हिस्सेदारी पर अस्थायी तौर पर कब्जा करने की कोशिश में है बल्कि इन्हें बढ़ते किराए का भी फायदा मिल रहा है। इस पर बाजार ने भी तत्काल प्रतिक्रिया जता दी। स्पाइसजेट और इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो की मूल कंपनी) के शेयरों ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है और इनमें क्रमश: 36 फीसदी व 49 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दूसरी ओर एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में 9 फीसदी की उछाल दर्ज हुई है। ऐस इक्विटी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। इस दौरान जेट का शेयर 13 फीसदी टूट गया। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, विमानन एक ऐसा उद्योग है जहां कुछ ही कंपनियों का वर्चस्व होता है और काफी कम फर्मों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है। इस उद्योग में प्रवेश हालांकि महत्वपूर्ण होता है। जेट का अस्थायी रूप से बंद होना दूसरी कंपनियों को मध्यम से लंबी अवधि में फायदा पहुंचा रहा है और बाजार भी यही उम्मीद कर रहा है।
लेकिन क्या विमानन कंपनियोंं के शेयर काफी कम समय में ज्यादा चढ़ गए। विश्लेषकों को ऐसा ही लग रहा है और इनका मानना है कि निवेशकों को अब आंशिक मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए। आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, अल्पावधि में स्पाइसजेट ने कई विमान जोड़े हैं। एयर एशिया और विस्तारा भी अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उपलब्ध मौका हथियाना चाह रही है। विस्तारा ने कीमतें घटानी शुरू कर दी है और ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो गई है। सही मायने में जेट एयरवेज की प्रतिस्पर्धा विस्तारा के साथ थी, न कि स्पाइसजेट व इंडिगो से, जो किफायती विमानन सेवा देने वाली कंपनियां हैं। साथ ही कच्चा तेल करीब 71 डॉलर प्रति बैरल पर है, जो विमानन कंपनियों के लिए सहज संकेत नहीं है। इंडिगो व स्पाइसजेट के शेयरों में कम समय में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
गुरुवार को स्पाइसजेट का शेयर कारोबारी सत्र में 7 फीसदी उछलकर बीएसई पर 52 हफ्ते के उच्चस्तर पर पहुंच गया। इंडिगो का सेयर भी 52 हफ्ते केउच्चस्तर 1,650 रुपये पर पहुंच गया। पिछले एक महीने में इन दोनों कंपनियों का शेयरों में क्रमश: 70 व 22 फीसदी की उछाल आई है, जो बीएसई सेंसेक्स के 3.3 फीसदी के मुकाबले ज्यादा है।
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