रक्षा अभियानों में योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र पर भारत का बकाया | भाषा / संयुक्त राष्ट्र April 16, 2019 | | | | |
संयुक्त राष्ट्र को शांति रक्षा अभियानों के लिए भारत को मार्च 2019 तक 3.8 करोड़ डॉलर चुकाने थे। यह किसी भी देश को भुगतान की जाने वाली सबसे अधिक राशि है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इसकी जानकारी देते हुए विश्व निकाय की खराब होती वित्तीय हालत पर चिंता जताई। विश्व निकाय की वित्तीय स्थिति में सुधार पर अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2019 तक सैनिक और पुलिस के रूप में योगदान दे रहे देशों को भुगतान की जाने वाली कुल राशि 26.5 करोड़ डॉलर है। इसमें से संयुक्त राष्ट्र को 3.8 करोड़ डॉलर भारत को चुकाने हैं। इसके बाद रवांडा (3.1 करोड़ डॉलर), पाकिस्तान (2.8 करोड़ डॉलर), बांग्लादेश (2.5 करोड़ डॉलर) और नेपाल (2.3 करोड डॉलर) को बकाया चुकाना है। उन्होंने कहा कि सबसे खराब स्थिति में सैनिक और पुलिस का योगदान देने वाले देशों की बकाया राशि जून 2019 तक 58.8 करोड़ डॉलर तक बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियान की वित्तीय स्थिति खासतौर से भुगतान ना करना या उसमें देरी होना चिंता का विषय है। गुतारेस ने कहा, 'शांति रक्षा अभियानों को अक्सर नकदी की समस्या का भी सामना करना पड़ा है जिससे संगठन को योगदान देने वाले देशों के बकाये को टालने के लिए बाध्य होना पड़ा।'
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