कर अधिकारी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के 2 लाख करोड़ रुपये के बढ़े हुए लक्ष्य को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह अन्य लोगों के लिए आश्चर्यजनक हो सकता है, लेकिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के लिए नहीं, जिसने आंतरिक रूप से आर्थिक गतिविधियों की सुस्ती को देखते हुए अंतरिम बजट में 11.5 लाख करोड़ रुपये संग्रह के मूल अनुमान के लक्ष्य को घटाकर 11.3 लाख करोड़ रुपये करने की वकालत की थी। बहरहाल इस मांग को अनसुना कर दिया गया और सीबीडीटी को 11.5 लाख करोड़ रुपये बजट अनुमान से 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूली का लक्ष्य दिया गया, जिससे किसानों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं पर आने वाले खर्च का वहन किया जा सके।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'आर्थिक वृद्धि की स्थिति को देखते हुए हमें साफ था कि 11.5 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है। इसलिए हमने आंतरिक रूप से कहा था कि बजट अनुमान को 200 अरब रुपये कम किया जाए। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि बजट में अनुमानित लक्ष्य पूरा न किया जा सके।' पुनरीक्षित कर लक्ष्य पहले के वित्त वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा, 'यह भरोसा करना अवास्तविक है कि प्रत्यक्ष कर में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी, जबकि आपकी अर्थव्यवस्था में सामान्य बढ़ोतरी 11-12 प्रतिशत है।'
प्रत्यक्ष कर संग्रह पुनरीक्षित बजट लक्ष्य से 650 अरब रुपये कम रह सकता है और यह वित्त वर्ष के लिए मूल अनुमान की तुलना में 150 अरब रुपये कम होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब तक 11.35 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह किया है। चालू मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष के पहले 3 महीने में 12.6 प्रतिशत से गिरकर दूसरी तिमाही में 11.9 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 11 प्रतिशत रह गया। वास्तविक जीडीपी वृद्धि तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत रहा, जो 6 तिमाहियों में सबसे कम है।
एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हम मूल बजट लक्ष्य से 150 अरब रुपये पीछे हैं। 11.35 लाख करोड़ रुपये संग्रह में भुगतान कि ए जाने वाली राशि भी शामिल है। हमने उन खातोंं से सूचनाएं भी शामिल कर ली है, जो हमें बैंकों से मिले हैं। हालंकि उसे कर के रूप में लिया जाना शेष है।' बजट पेश करने के दौरान 1 फरवरी को अंतरिम वित्त मंत्री के रूप में पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की घोषणा की थी, जिसके तहत 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सीमांत किसानों सालाना 6,000 रुपये सालाना आय समर्थन के रूप में दिया जाना है। 2018-19 में सरकार की ओर से इस साल 200 अरब रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है, लेकिन आचार संहिता लागू हो जाने के बाद खर्च की जाने वाली वास्तविक राशि कम होगी, क्योंकि 10 मार्च के बाद इसमें नए लाभार्थी नहीं जोड़े जा सकते। बहरहाल पिछले साल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.8 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अंतिम तिथि के 4 दिन पहले सीबीडीटी ने वरिष्ठ आयकर अधिकारियों को कड़े शब्दों में पत्र लिखकर उन्हें संग्रह के लक्ष्य से न चूकने की दिशा में कदम उठाने को कहा था। सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर संग्रह भी कम हो रहा है।
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