'जल्द ही भारत में होंगे ऐकॉर के 300 होटल' | बीएस बातचीत | | शैली सेठ मोहिले / April 04, 2019 | | | | |
फ्रांस की प्रमुख अस्पताल शृंखला ऐकॉर ने भारत के लिए आक्रामक विस्तार योजना तैयार की है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी लक्जरी होटल कंपनी ने बुधवार को यहां राफेल्स ब्रांड को उतारा। कंपनी के चेयरमैन एवं सीईओ सेबैस्टियन बैजिन ने शैली सेठ मोहिले से बातचीत में कहा कि कंपनी एशिया प्रशांत क्षेत्र में रोजाना एक होटल खोलेगी और भारत उसकी पहली प्राथमिकता होगी। मुंबई में आयोजित होटल इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस- दक्षिण एशिया के दौरान हुई बातचीत के मुख्य अंश:
पिछले कुछ वर्षों के दौरान ऐकॉर ने कई अधिग्रहण के साथ-साथ नए सिरे से ब्रांडिंग और आक्रामक विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है। इस साल आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
हमारी प्राथमिकता होटल मालिकों और निवेशकों को किए गए वादों को पूरा करना और हाल में किए गए सभी अधिग्रहण का एकीकरण करना है। हमने 25 परिसंपत्तियों की खरीदारी की है जिससे हमारी पहुंच चिली, तुर्की और पेरू सहित कई नए देशों तक हो चुकी है। हमने एक नया लॉयल्टी कार्यक्रम भी शुरू किया है और नई श्रेणियों में विस्तार किया है। ऐकॉर पहले कभी इतनी मजबूत नहीं थी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने काफी कुछ किया है और अब हमें लगता है कि थोड़ा विश्राम करने के लिए यह बिल्कुल उपयुक्त समय है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए होगा। हमें लगातार वृद्धि करने की जरूरत है और इसलिए मैं भारत में हूं। ऐकॉर के पास नई संस्कृतियों में खुद को ढाल लेने की अद्ïभुत क्षमता है। भारत अन्य बाजारों के मुकाबले बिल्कुल अलग है। यह एक ऐसा देश है जहां गैर-भारतीय होने के नाते आपको नम्र होना होगा।
भारत के लिए आपकी विस्तार योजनाएं क्या हैं?
भारत में आज हमने दो नए राफेल्स ब्रांड- एक उदयरपुर में और दूसरा जयपुर में- के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह इस उद्योग के शीर्ष तीन लक्जरी ब्रांडों में शामिल है। भारत में हम सस्ती और मझोली श्रेणियों में आईबिस और फेयरमाउंट ब्रांड के साथ मौजूद हैं। अब हमने कुछ पायदान ऊपर चढऩे और कुछ लक्जरी ब्रांड को लाने का निर्णय लिया है। फिलहाल हमारे पास 38 ब्रांड हैं जबकि पांच साल पहले इसकी संख्या 30 थी। भारत में 10 से अधिक ब्रांड होने चाहिए। अगले तीन से चार साल के दौरान भारत में हम 24 नए होटलों का संचालन करने जा रहे हैं। अगले साढ़े तीन साल में हमारे पास 75 होटल होंगे। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। केवल फ्रांस में ही हमारे होटलों की संख्या 1,800 है। हमारी रफ्तार तभी बढ़ सकती है जब हमारे पास नए ब्रांड और साझेदारी हों।
भारत में सबसे बड़ी चुनौती क्या है और ऐकॉर के वैश्विक राजस्व में इस देश का योगदान महज 2 फीसदी होने का क्या कारण है?
मैं पिछले पांच वर्षों से यही पूछ रहा हूं। पिछले तीन साल के दौरान इस देश में काफी कुछ बदलाव आया है। यह विदेशी निवेश- पिछले दो वर्षों के दौरान 38 अरब डॉलर- के लिहाज से काफी अच्छा रहा है। यह कोई दुर्घटना नहीं हो सकता है। भारत विदेशी निवेशकों और पर्यटकों में काफी दिलचस्पी दिखा रहा है। इस देश में जटिलता के कारण नए होटल खोलने की रफ्तार थोड़ी सुस्त रही है। हालांकि लोग इसे सरल बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें वक्त लगेगा। मैं यहां काफी कुछ करना चाहता हूं। हम चाहते हैं कि भारत में हमारे 300 होटल हों। हम सही दिशा में अग्रसर हैं ओर जल्द ही उस लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।
ऐकॉर के लिए एशिया प्रशांत बाजार कितना महत्त्वपूर्ण है?
हमारे लिए, कुल नए होटलों में आधे इसी क्षेत्र में खुलेंगे। हम इस क्षेत्र में हर साल 300 से अधिक होटल खोलने जा रहे हैं। संभवत: अगले 18 महीनों में आप देखेंगे कि ऐकॉर इस क्षेत्र में रोजाना एक नया होटल खोल रही होगी। हम इस क्षेत्र को भलीभांति जानते हैं। एशिया प्रशांत की हिस्सेदारी 20 से 25 फीसदी है। अगले चार वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में सभी विस्तार होने के साथ ही इसकी हिस्सेदारी एक तिहाई से अधिक होनी चाहिए। अगले 10 वर्षों में कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी होगी। लेकिन दुर्भाग्य से भारत का योगदान फिलहाल महज 2 फीसदी है और हम इसे 7-8 फीसदी तक बढ़ाना चाहते हैं।
|