►टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क अपनी वेबसाइट पर दर्शकों के साप्ताहिक आंकड़े अपलोड करने में नाकाम रही, जिसके कारण मिला नोटिस
►एजेंसी ने अंतिम बार 1 मार्च को आंकड़े प्रकाशित किए थे
►बार्क के संशोधित दिशानिर्देश में कहा गया है कि बदलाव की अवधि में दर्शकों की संख्या संबंधी आंकड़े उसकी वेबसाइट पर जारी नहीं किए जाएंगे
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क इंडिया) को कारण बताओ नोटिस भेजा है। विनियामक ने इसकी वजह बताई है कि टीवी रेटिंग एजेंसी अपने वेबसाइट पर दर्शकों का साप्ताहिक आंकड़ा अपलोड करने में नाकाम रही है। बार्क इंडिया 2019 के छठे हफ्ते से इंडस्ट्री में नए शुल्क निमय लागू होने के चलते अपनी वेबसाइट पर दर्शकों की संख्या अपलोड नहीं कर रही है। एजेंसी ने अंतिम बार 1 मार्च को आंकड़े प्रकाशित किए थे। भारत में टीवी चैनल के लिए नया शुल्क आर्डर (एनटीओ) साल के शुरू में ही प्रभावी हो गया और डीटीएच ग्राहकों की ओर से सेवा प्रदाताओं को अपने मनपसंद चैनलों की सूची दिए जाने की वजह से यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
फरवरी में, नियामक ने बार्क को निर्देश दिया था कि नई व्यवस्था को अपनाने की वजह से रेटिंग में उतार चढ़ाव आएगा, उसके बावजूद उसे दर्शकों की संख्या का आंकड़ा अपने पास रोक कर नहीं रखना है। इससे पहले जनवरी में इंडियन सोसाइटी ऑफ एडवर्टाइजर्स (आईएसए) ने एक परामर्श जारी किया था जिसमें मीडिया खरीदारों, योजनाकर्ताओं और विज्ञानदाताओं से मीडिया के मूल्यांकन या खरीद के लिए दर्शकों की संख्या के आंकड़ों का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद बार्क ने सार्वजनिक मंच पर आंकड़े को रोक कर रखने का निर्णय लिया।
आंकड़ों के उपयोग के लिए बार्क के संशोधित दिशानिर्देश में कहा गया है कि बदलाव की अवधि में दर्शकों की संख्या संबंधी आंकड़े उसकी वेबसाइट पर जारी नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा इसने गैर-सदस्यों को आग्रह पर आंकड़े देने से इनकार कर दिया है। इसने अपने ग्राहकों (मुख्य तौर पर प्रसारकों) को किसी भी प्रचार या विपणन उद्ïदेश्यों के लिए आंकड़े उपयोग नहीं करने की सलाह दी है। हालांकि भुगतान कर सेवा लेने वाले सभी ग्राहकों को पहले की तरह ही साप्ताहिक आंकड़ों की आपूर्ति की जा रही है।
ट्राई के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बार्क इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक संयुक्त उद्योग निकाय है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों को पालन करते हुए स्व नियमन मॉडल पर कार्य करता है। एनटीओ बदलाव अवधि में वितरण बाधाओं के चलते (जिसका जिक्र मीडिया रिपोर्टों में भी की गई है) आंकड़ों में भारी उतार चढ़ाव आया है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त कारणों और बदलाव की अवधि के दौरान के आंकड़ों से दर्शकों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चलता है, की वजह से बार्क इंडिया की तकनीकी समिति और बोर्ड ने यह निर्णय लिया कि वेबसाइट पर अस्थायी तौर पर कुछ सीमित आंकड़ों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा। बार्क इंडिया के बोर्ड में 60 फीसदी प्रसारक, 20 फीसदी विज्ञापनदाता और 20 फीसदी विज्ञापन/मीडिया एजेंसी हैं।
बार्क इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'वेबसाइट पर इन भ्रामक आंकड़ों को जारी करना जनहित के खिलाफ होगा और निहित स्वार्थ के लिए इनका दुरुपयोग किया जा सकता है। बार्क लगातार इस पर जमीनी स्थति का जायजा ले रही है। हमने कई बार आंकड़ों के साथ ट्राई और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को विस्तृत जानकारी दी है। साथ ही हम इस बात को फिर से दोहराना चाहेंगे कि ग्राहकों को दिए जाने वाले आंकड़ों को नहीं रोका गया है। हर हफ्ते हमारे ग्राहक बिना किसी रुकावट के साप्ताहिक आंकड़े पा रहे हैं।'
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