विदेशी निवेश में बढ़ोतरी से सूचीबद्ध कंपनियों की शेयर बिक्री की गतिविधियों में इजाफा हो गया। पिछले एक महीने में सूचीबद्ध कंपनियों ने करीब 23,000 करोड़ रुपये की इक्विटी हिस्सेदारी बेची। कई महीनों की सुस्ती के बाद ऐसी गतिविधियों में उछाल देखी गई और निवेश बैंकरों ने कहा कि इससे भारतीय कंपनी जगत को काफी राहत मिली।
शेयर बिक्री में मौजूदा निवेशकों की तरफ से आंशिक या पूर्ण निकासी और प्रवर्तकों की तरफ से किया गया विनिवेश शामिल है। साथ ही पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिए रकम जुटाने की गतिविधियां भी जोर पकड़ रही हैं। यूबीएस सिक्योरिटीज के प्रमुख (निवेश बैंकिंग) अनुज कपूर ने कहा, बाजार की धारणा पिछले साल की दूसरी छमाही से ही अनुकूल बना हुआ है, लेकिन पिछले तीन हफ्ते में यह बदलता दिख रहा है। उदाहरण के लिए डच फाइनैंशियल सर्विसेज फर्म आईएनजी समूह ने कोटक महिंद्रा की पूरी 3.06 फीसदी हिस्सेदारी 7,160 करोड़ रुपये में बेच दी।
इसी तरह फ्रांस की बैंकिंग दिग्गज बीएनपी पारिबा ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की 9 फीसदी हिस्सेदारी 4,751 करोड़ रुपये में बेची जबकि ब्रिटेन की स्टैंडर्ड लाइफ ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी 3,634 करोड़ रुपये में बेची। इस बीच, रियल्टी दिग्गज डीएलएफ और निजी क्षेत्र का लक्ष्मी विलास बैंक क्रमश: 31,78 करोड़ रुपये और 421 करोड़ रुपये जुटा रहे हैं।
इन सभी लेनदेन को बाजार को अच्छी प्रतिक्रिया मिली। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि बाजार काफी ज्यादा इक्विटी की आपूर्ति को समाहित कर कता है, जिसकी वजह विदेशी संस्थागत निवेश में हुई बढ़ोतरी है। पिछले एक महीने में एफआईआई ने देसी इक्विटी में 6 अरब डॉलर (42,000 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश किया है।
एडलवाइस फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (इक्विटी कैपिटल मार्केट्स) जिबि जैकब ने कहा, निवेशकों की दिलचस्पी में बढ़ोतरी के साथ ब्लॉक डील और क्यूआईपी आगे बढ़ रहा है। जिन फर्मों में ब्लॉक डील हुए हैं वहां प्रवर्तकों को अपनी उधारी के प्रबंधन के लिए नकदी की दरकार थी। अगर नकदी की स्थिति ठीक रही तो सूचीबद्ध कंपनियां और कदम उठा सकती हैं।
निवेश बैंकरों ने कहा कि जब बाजार में इतनी ज्यादा नकदी होती है तो सामान्य तौर पर यह बड़े ब्लॉक डील और क्यूआईपी के जरिए होता है। कपूर ने कहा, वैश्विक इक्विटी की हालिया तेजी और चुनाव नतीजे को लेकर सकारात्मक माहौल से ज्यादा क्यूआईपी, ब्लॉक डील और ओएफएस बाजार में उतारे जाएंगे। लोग इस रफ्तार का फायदा लेने की कोशिश करेंगे और धीरे-धीरे आईपीओ बाजार आगे बढ़ेगा।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.