समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने अमेरिका द्वारा तरजीही व्यापार व्यवस्था (जीएसपी) के अंतर्गत भारत को दी जाने वाली रियायत हटाए जाने का असर झींगा निर्यात पर नहीं पडऩे के संबंध में राहत के संकेत दिए हैं।एमपीईडीए का मानना है कि भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के प्रमुख बाजार अमेरिका द्वारा रियायत वापस लेने का उन पर असर नहीं होगा क्योंकि अधिक मांग वाले झींगा समेत ज्यादातर समुद्री खाद्य उत्पादों को मौजूदा जीएसपी व्यवस्था के अंतर्गत शून्य शुल्क की सुविधा मिलती है। एमपीईडीए के चेयरमैन केएस श्रीनिवास ने कहा है कि इस बात को लेकर काफी आशंका बनी हुई है कि अमेरिका के इस फैसले से भारत से अमेरिका को किया जाने वाला समुद्री खाद्य निर्यात प्रभावित होगा जो हमारे समुद्री उत्पादों का प्रमुख आयातक है। लेकिन इस तरह की आशंका निराधार है।श्रीनिवास ने कहा है कि एमपीईडीए ने एक विस्तृत विश्लेषण किया और पाया कि समुद्री खाद्य निर्यात में जीएसपी का लाभ हटाए जाने से तत्काल कोई झटका लगने के आसार नहीं है। श्रीनिवास ने कहा कि अमेरिका को किए जाने वाले तैयार और प्रिज्वर्ड झींगा तथा केकड़े केनिर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा क्योंकि इन वस्तुओं पर जीएसपी व्यवस्था के तहत वर्तमान में शून्य शुल्क सुविधा का फायदा मिलता है। भारत आमतौर पर निर्यात की प्रमुख वस्तु के रूप में फ्रोजन झींगे के साथ अमेरिकी बाजार में 230 करोड़ डॉलर का समुद्री खाद्य निर्यात करता है। फ्रोजन झींगा को शुल्क से छूट मिलती है और इसे जीएसपी व्यवस्था के अंतर्गत शामिल नहीं किया जाता है।
