मीडिया के लिए फर्जी खबरें सबसे बड़ी चुनौती | बीएस संवाददाता / March 12, 2019 | | | | |
फर्जी खबरों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और इनकी वजह से देश में मरने वाले लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है, इसलिए पत्रकारों को अधिकारियों और अन्य लोगों की तरफ से मुहैया कराए जाने वाले 'तथ्यों' को लेकर संदेह का रुख रखना चाहिए और उनका सत्यापन जारी रखना चाहिए। यह बात मंगलवार को अशोका यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति रुद्रांशु मुखर्जी ने कही। मुखर्जी ने कहा, 'फर्जी खबरें, विशेष रूप से प्रिंट मीडिया में बढ़ रही हैं। इस समय उन पत्रकारों की जरूरत है, जो उपलब्ध तथ्यों का सत्यापन करते हैं और उसके मुताबिक खबर देते हैं।' वह बिज़नेस स्टैंडर्ड-सीमा नेजरेथ अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन प्रिंट जर्नलिज्म, 2018 देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुखर्जी इतिहास के पुराने शिक्षाविद और वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के समाज में इतिहासकारों और पत्रकारों के बीच खाई एक हकीकत बन चुकी है, जबकि दोनों को तथ्यों की जरूरत पड़ती है।
मुखर्जी ने कहा, 'इन दिनों पत्रकार तथ्यों की अनदेखी करते हैं। आम तौर पर शिक्षाविद के रूप में हमें उन समाचारों का खंडन करने के लिए बुलाया जाता है, जिन्हें जानबूझकर गलत तरीके से जनता के सामने पेश किया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि यह ऐसा मोड़ है, जहां इतिहास जैसे सामाजिक विज्ञानों का अध्ययन फर्जी खबरों के असर को खत्म करने के लिए महत्त्वपूर्ण बन गया है। कुलाधिपति ने कहा, 'जनता को रोजाना बाध्य किया जा रहा है। मीडिया कर्मियों पर समाचारों को तोडऩे-मरोडऩे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यहीं से फर्जी खबरों की शुरुआत होती है।' युवा पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने आगाह किया कि फर्जी खबरें विशेष रूप से चुनावी वर्ष में एक बड़ी चुनौती होंगी। उन्होंने युवा पत्रकारों से कहा कि उन्हें हर चीज पर संदेह करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में मुखर्जी ने विशेष संवाददाता सोमेश झा को बिज़नेस स्टैंडर्ड-सीमा नेजरेथ अवॉर्ड दिया। यह पुरस्कार हर साल 30 साल से कम के पत्रकारों को दिया जाता है। इसमें 50,000 रुपये, एक चांदी का पेन और प्र्रशस्ति पत्र मिलता है। दिल्ली कार्यालय में कार्यरत झा इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 20वें पत्रकार हैं। यह पुरस्कार बिज़नेस स्टैंडर्ड और नेजरेथ परिवार ने सीमा नेजरेथ की स्मृति में शुरू किया था। सीमा नेजरेथ बिज़नेस स्टैंडर्ड की युवा पत्रकार थीं, जिनका 18 मार्च, 1999 को निधन हो गया था। इस मौके पर उनके पिता पी ए नेजरेथ ने कहा कि इतिहास के विस्तृत अध्ययन में आधुनिक समस्याओं के बहुत से समाधान हैं।
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