'आगामी चुनावों से तेज होंगी अर्थव्यवस्था में गतिविधियां' | विवेट सुजन पिंटो और नीरज भट्ट / March 11, 2019 | | | | |
द कोका कोला कंपनी के अध्यक्ष एवं सीईओ जेम्स क्विंसी का मानना है कि उनकी कंपनी फिजी ड्रिंक्स और गुड-फॉर-यू बेवरिजेस दोनों में ऐसे समय में तालमेल बिठा सकती है जब उपभोक्ताओं की पसंद में तेजी से बदलाव हो रहा है। वर्ष 2018 के दौरान विश्व की पहली बेवरिजेस कंपनी ने कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए थे जिनमें कोस्टा कॉफी का अधिग्रहण और भारत में हॉर्लिक्स एवं कॉमप्लान के लिए आक्रामक बोली शामिल हैं। क्विंसी ने बताया कि इस साल कंपनी अपने कारोबार के विकास पर सबसे अधिक निवेश करेगी। आगामी चुनाव और भारत में कोका कोला के निवेश आदि के बारे में क्विंसी से विवेट सुजन पिंटो और नीरज भट्ट की बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आपको लगता है कि इस साल गर्मी में चुनावी मौसम के दौरान बिक्री में तेजी आएगी?
बेवरिजेस की खपत के लिए गर्मी का मौसम सबसे बड़ा कारक होता है। चुनाव से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां तेज होंगी और इसलिए यह काफी मायने रखता है। व्यापक परिदृश्य में, चुनावों से अर्थव्यवस्था की दिशा भी निर्धारित होती है क्योंकि इसी से निर्धारित होता है कि सत्ता में कौन आएगा और उद्योग के प्रति उसका क्या रुझान कैसा रहेगा। इसलिए तमाम अन्य कारोबार की तरह बेवरिजेस बाजार पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
कोका कोला ने भारत में 2017 से 2023 के बीच तथाकथित 'फ्रूट सर्कुलर इकनॉमी' विकसित करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई थी। इसमें से अब तक कितना निवेश हो चुका है?
हम इस क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहे हैं। हम फल प्रसंस्करण के लिए बुनियादी ढ़ांचा स्थापित करने पर अपने साझेदार जैन इरिगेशन ऐंड बॉटलर्स के साथ 2,200 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही कर चुके हैं। हमने कच्चे माल की खरीद पर 1,350 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यदि इस सब को मिला दिया जाए तो 2018 के अंत तक हमने कुल 3,550 करोड़ रुपये किए। निवेश की यह रफ्तार आगे भी जारी रहेगी।
हाल में कोका कोला ने अपने भारतीय कारोबार को शीर्ष तीन बाजारों में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन भारतीय कारोबार को पांचवें पायदान पर लाने संबंधी पिछला लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में आपको नहीं लगता कि भारत को लेकर कंपनी अधिक महत्त्वाकांक्षी दिख रही है?
भारत में संभावनाओं को लेकर हम काफी उत्साहित हैं। इसमें दमदार आर्थिक प्रदर्शन की क्षमता निहित है जो कारोबार के लिए अच्छी बात है। बाजार में उथल-पुथल (वस्तु एवं सेवा कर लागू होने से) के बाद अब कोका कोला की व्यवस्था भी स्थिर हो चुकी है। बॉटलर अपनी निष्पादन क्षमता में निवेश कर रहे हैं। जहां तक ब्रांड और उत्पाद श्रेणी का सवाल है तो अधिक से अधिक नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। हमारा मानना है कि हम वृद्धि की एक लंबी अवधि के लिए तैयार हैं। हमारी टीम भारत को 2019 के अंत तक छठे पायदान से पांचवें पायदान पर लाने के लिए काम कर रही है। जहां तक भारत को शीर्ष तीन बाजारों में शामिल करने का सवाल है तो उसमें थोड़ा वक्त लगेगा।
भारत में पर्सनलाइजेशन कितना कारगर साबित हुआ है?
भारत में स्थानीय फलों एवं स्वादों को बेवरिजेश में शमिल करना पर्सनलाइजेशन को सुर्खियों में आने का एक तरीका है। उदाहरण के लिए हमारे मिनट मेड पोर्टफोलियो पर इस लिहाज से काफी ध्यान दिया गया है। पिछले महीने इसे मौसम्बी जैसे स्थानीय स्वाद अथवा तमिलनाडु में अमरूद के स्वाद के साथ करल (मिनट मेड के तहत) ड्रिंक्स को उतारा गया है। ऐसे ही कई अन्य स्थानीय नवाचारों को हम अपने वैश्विक ब्रांड में शामिल करेंगे और इस बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अपने उत्पादों को प्रासंगिक बनाने की कोशिश करते रहेंगे।
हॉर्लिक्स और कॉमप्लान के लिए आक्रामक बोली लगाए जाने के बावजूद सफलता न मिलने पर आप कितने हतोत्साहित हुए?
हम हमेशा से लोकप्रिय ब्रांडों की तलाश करते रहे हैं और हॉर्लिक्स उनमें से एक है। लोकप्रिय ब्रांड सही कीमत पर ही हमारे पोर्टफोलियो में उपयुक्त रहेंगे। हॉर्लिक्स उस कीमत पर उपलब्ध नहीं था जो हमारे लिए फायदेमंद सबित होता। इसलिए हमने कदम वापस खींच लिया।
बॉटलिंग कारोबार के लिए आपकी क्या रणनीति है? क्या भविष्य में आप इससे निकलने की योजना बना रहे हैं?
हमारी दीर्घावधि रणनीति बॉटलिंग में कम और ब्रांड रणनीति एवं विपणन में अधिक भागीदारी की रहेगी। हालांकि हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं जिससे हमारी बॉटलिंग व्यवस्था कमजोर हो। हम ऐसा नहीं करेंगे। हमें अपने कारोबार की मदद के लिए दमदार बॉटलिंग व्यवस्था की दरकार है और फिलहाल हमें इसमें बदलाव करने की कोई जल्दबाजी नहीं है।
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