देश में टेलीविजन दर्शकों की संख्या का आकलन करने वाली संयुक्त उद्योग संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (बार्क) के परिचालन में पारदर्शिता के मुद्दे पर टेलीविजन उद्योग में मतभेद दिख रहा है। पिछले साल दिसंबर में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने रिव्यू ऑफ टेलीविजन ऑडिएंस मेजरमेंट ऐंड रेटिंग्स इन इंडिया पर परामर्श पत्र जारी किया था। इसके तहत प्रसारकों, उद्योग, वितरण प्लेटफॉर्म और लोगों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई थी।
ट्राई की वेबसाइट पर जारी की गई टिप्पणियों के अनुसार, टीवी दर्शकों की संख्या बताने वाली रेटिंग एजेंसी की कुशलता और पारदर्शिता को लेकर दी गई लोगों की प्रतिक्रिया में मतभेद दिख रहा है। इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) जैसे उद्योग के कुछ सदस्यों और सोनी पिक्चर्स नेटवक्र्स इंडिया (एसपीएन) एवं टाइम्स नेटवर्क जैसे कुछ प्रसारकों ने कहा है कि बार्क दर्शकों का आकलन करने और आंकड़े जारी करने में पारदर्शी है। बार्क एक प्रतिवादी भी है और उसने अपनी प्रतिक्रिया में यह कहते हुए विश्वास जताया है, 'हां, बार्क इंडिया बिना किसी पक्षपात के और पारदर्शी तरीके से उस उद्देश्य को पूरा करने में समर्थ रहा है जिसके लिए उसकी स्थापना की गई है।'
हालांकि कुछ प्रतिवादी इससे सहमत नहीं हैं जिनमें न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएन (एनबीए) और डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) सेवा प्रदाता टाटा स्काई शामिल हैं। देश में समाचार प्रसारकों का प्रतिनिधित्व करने वाली उद्योग संस्था ने ट्राई के परामर्श पत्र पर जवाब देते हुए कहा है, 'बार्क की स्थापना मुख्य तौर पर टेलीविजन चैनलों और चुनाव आदि संबंधी प्रमुख कार्यक्रमों की रेटिंग की निगरानी के संदर्भ में पारदर्शिता, सटीकता और निष्पक्षता के लिए की गई थी। बार्क का परिचालन भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के नीतिगत दिशानिर्देशों के तहत किया जाता है जो ट्राई की सिफारिसों पर आधारित होते हैं। एनबीए ने कहा है कि समाचार शैली के संदर्भ में बार्क की रेटिंग न तो पारदर्शी है और न ही सटीक।'
हरित नागपाल के नेतृत्व वाली डीटीएच कंपनी टाटा स्काई ने इस परामर्श पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि बार्क कार्य प्रणाली को साझा करने और विभिन्न प्लेटफॉर्मों के बीच पैनल होम को प्रस्तुत करने के संदर्भ में पारदर्शी नहीं है। परामर्श पत्र में बार्क के शेयरधारिता पर भी उद्योग से प्रतिक्रिया मांगी गई है और पूछा गया है कि क्या टेलीविजन दर्शकों का आकलन करने वाली एजेंसी बाजार में प्रतिस्पर्धा की जरूरत है।
हालांकि प्रसारकों और बार्क ने कहा है कि निरपेक्षता और पारदर्शिता को बरकरार रखने के लिए मौजूदा शेयरधारिता पर्याप्त है, लेकिन टाटा स्काई और जीटीपीएल जैसे वितरण प्लेफॉर्मों ने कहा है कि बार्क के बोर्ड में कंटेट तैयार करने वालों के साथ उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। फिलहाल बार्क में 60 फीसदी हिस्सेदारी प्रसारकों की है जबकि विज्ञापनदाताओं की 20 फीसदी और मीडिया एजेंसियों की 20 फीसदी हिस्सेदारी है।