इंडियन होटल्स के लिए होमस्टे कारोबार का बढ़ता आकर्षण | शैली शेठ मोहिले / March 05, 2019 | | | | |
आधुनिक पर्यटकों को अनुभव लुभाते हैं, भले ही यह रोमांच घने जंगल का हो या शार्क के साथ तैरने का। यही एक कमी है, जो बड़ी आतिथ्य शृंखलाएं पर्यटकों को मुहैया नहीं करा पा रही हैं। एयरबीएनबी जैसे वैश्विक ब्रांड और ओयो, विस्टा जैसे घरेलू ब्रांड इस खालीपन को भरने के लिए आगे आए हैं। ये एक अरब डॉलर की कारोबारी श्रेणी और यात्रियों के लिए अन्य विकल्प तैयार कर रहे हैं। अब इंडियन होटल्स (आईएचसीएल) प्रीमियम होमस्टे अनुभव मुहैया कराने के क्षेत्र में उतरी है। ऐसे में क्या बड़े पुराने ब्रांड सभी चुनौतियों को अपने पक्ष में मोडऩे में सफल रहेंगे?
विशेषज्ञों का कहना है कि तत्काल ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि बड़ी शृंखलाएं इस श्रेणी में निवेश करने से पहले इंतजार करेंगी। इसमें संभावनाएं होने के बावजूद यह कीमत के लिहाज से संवेदनशील है। बीसीजी और गूगल की एक हाल की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में होटलों से इतर ठहरने का कारोबार वर्ष 2020 तक 3 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। लेकिन आईएचसीएल के प्रवेश जो कुछ बदलेगा, उसमें यात्रियों की उम्मीद और निवेश की प्रकृति शामिल है। आईएचसीएल 'एमा ट्रेल्स ऐंड स्टेज' ब्रांड के तहत देश भर में हैरिटेज बंगले और गेस्ट हाउस खोलेगी। शुरुआत में कुर्ग के कॉफी बागानों में आठ और चिकमगलूर के पास एक खोला जाएगा।
आईएचसीएल के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल ने नए उद्यम की शुरुआत करते हुए कहा कि एमा प्रॉपर्टीज में बुनियादी सुविधाएं होंगी और कुछ में और बेहतर सुविधाएं हो सकती हैं। आईएचसीएल ने वर्ष 2020 तक ऐसी 100 संपत्तियां स्थापित करने की योजना बनाई है। चटवाल ने कहा कि हैरिटेज होमस्टे अतिथियों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए शुरू किए जा रहे हैं। इनकी दरें दो से तीन रातों के लिए 21,000 रुपये से शुरू होती हैं। एक समय इन संपत्तियों और गेस्ट हाउस पर टाटा समूह की कंपनियों का स्वामित्व था। भविष्य में यदि कंपनी विस्तार करना चाहती है तो उसे अपनी संपत्तियों के आसपास नई प्रॉपर्टी तलाशनी होंगी। कंपनी को ऐसे तरीके तलाशने होंगे, जिससे वह अपने ब्रांड को एयरबीएनबी की प्रीमियम प्रॉपर्टी और अन्य छोटे ब्रांडों से अलग दिखा सके।
एक सलाहकार कंपनी होटेलीवेट के चेयरमैन मानव थडानी ने कहा, 'एयरबीएनबी ने इस सेगमेंट में अच्छी पकड़ बनाई है और इस क्षेत्र में मौके तलाशने वाली कंपनी को लंबा रास्ता तय करना होगा। इसके बावजूद एक अच्छी जगह और प्रतिस्पर्धी कीमत पर बहुत से ग्राहक मिल जाएंगे।'
इस श्रेणी में मौजूद संभावनाओं का पता इसमें तेजी से ब्रांडों से चलता है। एक छोटे प्रीमियम होमस्टे ब्रांड विस्टा रूम्स के अनुभव के बारे में विचार करें। इस समय यह ब्रांड 160 कमरों का प्रबंधन करता है और उसने वर्ष 2022 तक इनकी संख्या 1,000 करने की योजना बनाई है। विस्टा चार से पांच कमरों के विला के लिए एक रात का किराया 20,000 रुपये वसूलता है। विस्टा रूम्स के सह-संस्थापक प्रणव माहेश्वरी ने कहा, 'अमूमन आपूर्ति हर साल दोगुनी हो जाती है। हमारा अनुमान है कि ऐसे 5 लाख घर हैं, जो अच्छी गुणवत्ता के हैं और संभावित होमस्टे बन सकते हैं। लेकिन अभी उनमें से केवल एक या दो फीसदी का ही इस्तेमाल हो रहा है।'
उनका मानना है कि यात्रा का भविष्य अनुभवों में निहित है और यह होटलों में नहीं मुहैया कराया जा सकता है। आईएचसीएल के प्रवेश से लोग इस श्रेणी को ज्यादा गंभीरता से लेना शुरू कर देंगे। आतिथ्य क्षेत्र की सलाहकार कंपनी नियोसिस कैपिटल एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ नंदीवर्धन जैन ने कहा, 'ताज का परिचालन का तरीका एयरबीएनबी से काफी अलग है। यह उस व्यक्ति के लिए बेहतर रहेगा, जो व्यक्तिगत अनुभवों के साथ लक्जरी चाहता है।' हालांकि उन्होंने इस कारोबार के दायरे में बढ़ोतरी को लेकर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि यह पता कुछ साल बाद ही चल पाएगा कि यह वित्तीय रूप से समझदारी भरा कदम साबित होगा या नहीं।
बहुत से लोगों का अनुमान है कि आईएचसीएल के प्रवेश से होमस्टे कारोबार प्रीमियम और बजट आवास में स्पष्ट रूप से बंट जाएगा। ठीक उसी तरह जैसे आज आतिथ्य उद्योग बंटा हुआ है। इस क्षेत्र में कमाई की भरपूर संभावनाएं हैं। इस समय ओयो रूम्स के पास दुनियाभर में 7,000 पूर्ण प्रबंधित आवास हैं। कंपनी की बजट और मझोली-प्रीमियम श्रेणी में मौजूदगी है। ओयो रूम्स में चीफ ग्रोथ ऑफिसर काविरुत ने कहा कि उसने यह संख्या 20,000 आवास तक करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, 'हम आवासीय संपत्ति के उचित प्रबंधन के लिए अपनी तकनीकी और परिचालन क्षमता का इस्तेमाल करते हैं।'
एक आतिथ्य कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'मैं किसी होमस्टे में इसलिए ठहरता हूं क्योंकि कुछ भी मानक या अनुमान लगाने योग्य नहीं है। अगर मैं किसी शृंखला द्वारा प्रबंधित आवास में ठहरता हूं तो यह रोचक पहलू खत्म हो जाएगा।'
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