भारत की दूसरी सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी (एचएफसी) दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) खुद को एक अजीबोगरीब स्थिति में फंसी महसूस कर रही है। डीएचएफएल को अपनी क्रेडिट रेटिंग में गिरावट ऐसे समय में दिख रही है जब बैंक उधारी देने से कतरा रहे हैं और खुदरा निवेशकों से रकम जुटाना अब कोई विकल्प नहीं रहा है।
हालांकि इससे पता चलता है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र नकदी संकट से किस कदर जूझ रहा है लेकिन डीएचएफएल इनके बीच एक खास मामला है। यह कंपनी उस समय सुर्खियों में आई जब पिछले साल सितंबर में इसका शेयर करीब 50 फीसदी लुढ़क गया। डीएसपी म्युचुअल फंड ने द्वितीयक बाजार में डीएचएफएल बॉन्ड को बेचने की कोशिश की थी लेकिन खरीदार नादारद थे। ऐसे में लोगों को लगने लगा कि यह आवास वित्त कंपनी नकदी संकट जैसी समस्याओं से जूझ रही है।
बैंकों से उधारी न मिलने के कारण वास्तव में डीएचएफएल नकदी संकट से जूझ रही है। हालांकि अपनी सहायक इकाइयों (आधार हाउसिंग) की बिक्री, होल्डिंग कंपनी वाधवा ग्लोबल में किसी रणनीतिक साझेदार की तलाश और सुरक्षित ऋण की बिक्री के जरिये फिलहाल वह अपना परिचालन करने में समर्थ है।
लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इससे कुछ महीनों के लिए ही राहत मिल सकती है। वास्तव में कंपनी के अधिकारियों ने माना कि उन्हें बैंकों को उधारी देने के लिए आवश्वस्त करने की जरूरत है। कंपनी के प्रवक्ता ने दावा किया कि डीएचएफएल ने ऋण वितरण शुरू किया है लेकिन जानकारों का कहना है कि ये ऐसे ऋण हैं जिनके लिए मंजूरियां पहले ही दी जा चुकी हैं और अब आंशिक भुगतान किया जा रहा है। इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि डीएचएफएल की किसी भी शाखा से कोई नया ऋण आवंटित नहीं किया गया है। वास्तव में फिलहाल अधिकतर आवास वित्त कंपनियों की हालत ऐसी ही है।
डीएचएफएल टियर 2 और छोटे शहरों में अभी भी एक दमदार ब्रांड है। डीएचएफएल एवं अन्य आवास वित्त कंपनियों द्वारा ऋण वितरण रोकने के निर्णय का मतलब साफ है कि इसका सबसे अधिक खमियाजा उन छोटे ग्राहकों को भुगतना पड़ेगा जो 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक के ऋण श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी के ग्राहक आमतौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा सभी के लिए आवास योजना के लाभार्थी हैं। लेकिन उनकी आय का ढांचा अनौपचारिक होने के कारण बैंक उन्हें ऋण नहीं देते हैं और ऐसे में डीएचएफएल जैसी आवास वित्त कंपनियां उनके लिए प्रमुख ऋणदाता हैं।
डीएचएफएल को उसकी ग्रामीण एवं कस्बाई शाखाओं के जरिये ऐसे ग्राहकों का आकलन करने में विशेषज्ञता प्राप्त है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि डीएचएफएल को उस जगह का भूमि रिकॉर्ड रखने में भी विशेषज्ञता प्राप्त है जहां उसकी शाखाएं मौजूद हैं। हालांकि कोबरापोस्ट ने डीएचएफएल पर आरोप लगाया है कि उसके प्रवर्तकों ने कंपनी की रकम का गैरकानूनी तरीके से दुरुपयोग किया जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।
इससे निपटने के लिए स्वतंत्र निदेशकों की एक लेखा समिति को इन आरोपों पर एक विशेष लेखा रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है जिसे इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। एक विश्लेषक ने कहा, 'लेखा समिति की रिपोर्ट आने तक बैंक डीएचएफएल को उधारी देने से कतरा रहे हैं। जबकि ऐसे में अन्य निवेशकों से भी रकम जुटाना भी कंपनी के लिए आसान नहीं होगा।'
अगले छह महीने के लिए कंपनी की 14,500 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। सितंबर से दिसंबर के बीच वह 18,500 करोड़ रुपये का पुनभुर्गतान पहले ही कर चुकी है। कंपनी अपने परियोजना वित्त पोर्टफोलियो के प्रतिभूतीकरण से भी रकम जुटाने की कोशिश कर रही है। अगले छह महीने के दौरान कुल 1,425 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक पत्रों को भुनाया जाना है। एक साल के कुल भुगतान में 1,525 करोड़ रुपये वाणिज्यिक पत्र में, 9,148 करोड़ रुपये डिबेंचर में, 7,306 करोड़ रुपये सावधि जमा और जमा की परिपक्वता पर 5,155 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि कंपनी की वितीय लचीलापन सीमित है और पुनर्भुगतान की क्षमता सीमि है। इसलिए इक्रा ने डीएचएफएल के वाणिज्यिक पत्र की रेटिंग को ए1प्लस से घटाकर ए2प्लस कर दिया है।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.