चंदा कोछड़ के आवास पर ईडी के छापे | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली March 01, 2019 | | | | |
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोछड़ के आवास और उनके पति दीपक कोछड़ और अन्य लोगों के मुंबई और औरंगाबाद में कारोबारी परिसरों पर छापेमारी की। ईडी ने चंदा और अन्य लोगों के खिलाफ 3,250 करोड़ रुपये के वीडियोकॉन ऋण मामले में धन शोधन का मामला दर्ज किया है। यह मामला दर्ज होने के बाद चंदा, उनके पति और अन्य लोगों के खिलाफ यह अभियान चलाया गया है। जांच एजेंसी के अधिकारी ने छापेमारी होने की पुष्टि की। एक अधिकारी ने कहा कि वीडियोकॉन समूह की कंपनियों सहित कम से कम पांच ठिकानों पर छोपमारी हुई। अधिकारी ने कहा कि 3,250 करोड़ रुपये के ऋण मामले में मुख्य आरोपियों के खिलाफ सप्ताहांत में भी छापेमारी जारी रहेगी। 3,250 करोड़धन शोधन के बाद इसका इस्तेमाल अवैध परिसंपत्तियां सृजित करने के संदेह में जांच एजेंसी ने छापेमारी की है।
दिल्ली की एक विशेष टीम ने मुंबई और औरंगाबाद पुलिस के साथ मिलकर इन ठिकानों से कुछ अहम सबूत बरामद किए हैं। अधिकारी ने कहा, 'अब तक हमने सॉफ्ट एवं डिजिटल कॉपी सहित हार्ड डिस्क और लैपटॉप बरामद किए हैं। हम कुछ ई-मेल की भी जांच कर रहे हैं। इन ई-मेल का आदान-प्रदान इस मामले के मुख्य आरोपियों के बीच हुआ है। अधिकारी ने कहा कि दीपक कोछड़ के न्यूपावर रिन्यूएबल्स में सुप्रीम एनर्जी (एसईपीएल) के जरिये 64 करोड़ रुपये निवेश सहित विभिन्न लेनदेन की जांच चल रही है। ईडी ने पिछले महीने के शुरू में धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) चंदा कोछड़, उनके पति दीपक कोछड़, वीडियो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं एमडी वेणुगोपाल धूत और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। यह पूरा मामला आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को कर्ज मंजूर किए जाने से जुड़ा है।
ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने 22 जनवरी को इस मामले में चंदा सहित 8 लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चंदा ने आपराधिक साजिश के तहत कुछ निजी कंपनियों को ऋण आवंटन की मंजूरी दी थी और आईसीआईसीआई बैंक को 1,730 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। सीबीआई ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह से ताल्लुक रखने वाली कई कंपनियों जैसे ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंचुरी अप्लायंसेस और अन्य इकाइयों को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। इसने कहा कि यह बैंकिंग नियमन अधिनियम, भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों और बैंक की साख नीति का उल्लंघन था। 20 बैंकों के एक समूह ने वीडियोकॉन समूह को 40,000 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था और 3,250 करोड़ रुपये इसी का हिस्सा था।
सीबीआई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह ऋण 7 जनवरी, 2009 को वीआईईएल को आवंटित हुआ था और अगले दिन धूत ने 64 करोड़ रुपये एसईपीएल के जरिये कोछड़ की कंपनी न्यूपावर को अंतरित कर दी थी। न्यूपावर को उसके पहले बिजली संयंत्र के अधिग्रहण के लिए मिली यह पहली पूंजी थी। इस लेनदेन से यह बात निकली थी कि चंदा कोछड़ को उनके पति दीपक कोछड़ की कंपनी के जरिये बेजा लाभ मिला था।
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