फ्लिपकार्ट, एमेजॉन इंडिया पर जारी है भारी छूट का सिलसिला | करण चौधरी / नई दिल्ली February 15, 2019 | | | | |
घरेलू उपकरण पर 70 फीसदी छूट, नए मोबाइल फोन पर 50 फीसदी का कैशबैक, फैशन और घरेलू सजवाट की वस्तुओं पर अनगिनत पेशकश- ई-कॉमर्स के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नए नियमों के प्रभावी होने के दो हफ्ते बाद भी यहां अब तक कोई भी बड़ बदलाव नजर नहीं आ रहा है।
ऑनलाइन मार्केटप्लेस की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट और उसकी सहायक कंपनियों जबांग तथा मिंत्रा के साथ साथ एमेजॉन इंडिया पर भारी छूट और कीमतों में अत्यधिक कटौती का सिलसिला जारी है। इन सभी कंपनियों ने कहा था कि उन्होंने नए नियमों के अनुपालन के लिए भारत में अपने कारोबार को पुनर्गठित किया है। इसके तहत अब बिक्री बढ़ाने के लिए ये प्लेटफॉर्म कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं।
उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक दंडात्मक प्रावधानों के अभाव में ऑनलाइन मार्केटप्लेस की कंपनियां भारी छूट देने की अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहीं हैं। पहले से तय अपने त्योहारी बिक्री के कार्यक्रम पर आगे बढ़ते हुए फ्लिपकार्ट, जबांग और मिंत्रा हफ्ते भर की वेलेंटाइन डे सेल आयोजित कर रही हैं जिसमें 80 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। एमेजॉन इंडिया भी करीब 40 फीसदी तक की छूट दे रही है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर फ्लिपकार्ट के साथ एमेजॉन इंडिया पर बिक्री करने वाले एक विक्रेता ने कहा, 'छूट कभी बंद नहीं की गई। ऑनलाइन कंपनियां अभी भी सेल आयोजित कर रही हैं। हमें बड़े विक्रेताओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कीमत में कटौती करनी पड़ती है। यदि ई-कॉमर्स में एफडीआई के नए नियम लाने के पीछे कीमत में कटौती को समाप्त करने का विचार था तो यह कहीं से भी प्रभावी नहीं हुआ है।'
डीपीआईआईटी को नहीं है कार्रवाई करने की शक्ति
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) अपने स्तर पर नियमों के किसी उल्लंघन को रोकने के लिए विभिन्न ई-कामर्स पोर्टलों पर नजर रखने के लिए पहले ही एक समिति का गठन कर चुका है। हालांकि, फिलहाल इस नोडल एजेंसी के पास ई-कॉमर्स पोर्टल पर किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने पर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। डीपीआईआईटी को उम्मीद है कि बहुप्रतिक्षित ई-कॉमर्स नीति में इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
डीपीआईआईटी के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'हम इन कंपनियों की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें कीमत में कटौती करने के लिए नियमों की अनदेखी करते हुए देखा है। हम मानते हैं कि आगामी ई-कामर्स नीति में इस प्रकार का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने का प्रावधान होगा।'
हालांकि, ऑनलाइन कंपनियां दिखाती हैं कि वे छूट को बढ़ावा देने में शामिल नहीं हैं। फ्लिपकार्ट समूह के प्रवक्ता ने कहा, 'हम ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस को चलाने वाली सभी भारतीय नियमनों का पूरी तरह से पालन करते हैं जिसमें उत्पाद की कीमत और छूट भी शामिल है। फ्लिपकार्ट के मार्केटप्लेस पर कीमत और छूट विक्रेताओं द्वारा तय किए जाते हैं। फ्लिपकार्ट लाखों विक्रेताओं और ग्राहकों को जोडऩे के लिए एक संपर्क प्लेटफार्म के रूप में सेवा देती है। हम अपने प्लेटफॉर्मों पर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्घ हैं कि प्रभावी तरीके से और उचित कीमत लेकर विक्रेता देश भर के उपभोक्ताओं तक पहुंचते रहें।'
न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं कारोबारी संगठन
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जैसी कारोबारी संगठनों ने कहा कि वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आयोजित सेल्स पर नजर बनाए हुए हैं। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, 'ई-कॉमर्स के लिए नीति होने के बावजूद ये कंपनियां सेल्स आयोजित कर रही हैं। हम एक हफ्ते तक और इंतजार करेंगे और उसके बाद वाणिज्य मंत्रालय में शिकायत करेंगे। यदि वहां से भी फायदा नहीं मिला तो फिर हम न्यायालय का रुख करेंगे।'
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