वैश्विक कारोबारी मंदी का निर्यात पर असर | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 15, 2019 | | | | |
जनवरी में निर्यात में महज 3.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि यह तीन महीने का उच्चतम स्तर है। सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा लाने वाले इंजीनिरिंग के सामान और रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि दर या तो कम रही या घटी है। दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं चीन और अमेरिका के बीच चल रहे कारोबारी जंग के असर से वैश्विक सुस्ती का इस पर असर पड़ा है। इसके पहले के दो महीनों में भी निर्यात लचर था। नवंबर में निर्यात में 0.80 प्रतिशत और दिसंबर में 0.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
इस सुस्ती की गंभीरता इससे आंकी जा सकती है कि अक्टूबर महीने में निर्यात 17 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा था। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में निर्यात 9.52 प्रतिशत बढ़ा है और यह 271.8 अरब डॉलर रहा। हालांकि कोई आधिकारिक लक्ष्य नहीं तय किया गया था, लेकिन सरकार के अधिकारियों को उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में निर्यात 350 अरब डॉलर पहुंच जाएगा। अब यह असंभव नजर आ रहा है और पिछले वित्त वर्ष के 303.5 अरब डॉलर निर्यात के आंकड़े तक इस बार पहुंचना मुश्किल लगने लगा है।
इसी तरह से आयात भी करीब करीब सपाट रहा है। इसमें जनवरी में महज 0.01 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें एक सकारात्मक बात यह मानी जा सकती है कि दिसंबर में आयात में 3.44 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जिसकी तुलना में स्थिति थोड़ी सुधरी है। जनवरी में कारोबारी घाटा बढ़कर 14.74 अरब डॉलर हो गया है, जो दिसंबर में 13.08 अरब डॉलर था। दिसंबर का घाटा चालू वित्त वर्ष में सबसे कम था।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, 'शुल्क को लेकर चल रही वैश्विक जंग का असर लगातार देश के आयात और निर्यात को प्रभावित कर रहा है।' उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि कारोबारी जंग को अवसर के रूप में बदलने की कवायद की जानी चाहिए और कर्ज मुहैया कर, आरऐंडडी पर कर छूट बढ़ाकर और मार्केटिंग और निर्यात के बुनियादी ढांचे के बजट समर्थन से इसे बढ़ावा देना चाहिए।
तेल की कीमत में गिरावट की वजह से भारत को विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली है और आयात पर खर्च कम हुआ है। लेकिन इससे निर्यात पर भी असर पड़ा है और डॉलर की कमाई घट गई है। दरअसल तेल का दाम कम होने से निर्यात पर ज्यादा असर पड़ा है। रिफाइंड उत्पादों का निर्यात 19 प्रतिशत कम हुआ है, जबकि कच्चे तेल व संबंधित उत्पादों का आयात 3.59 प्रतिशत कम हुआ है। अगर हम पेट्रोलियम उत्पादों को बाहर कर दें तो जनवरी में आयात 1.43 प्रतिशत बढ़ा है।
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