कैलेंडर वर्ष 2018 में कंपनियों के निदेशक मंडल के पास रखे गए करीब 98 फीसदी प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई। प्राइम डेटाबेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी तादाद में संस्थागत निवेशकों द्वारा प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किए जाने के बावजूद प्रस्ताव पारित किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलेंडर वर्ष 2018 के दौरान प्रस्तावित कुल 716 प्रस्तावों में से 700 प्रस्तावों (करीब 98 फीसदी) को संस्थागत निवेशकों के विरोध के बावजूद मंजूरी दी गई क्योंकि इन कंपनियों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी अधिक थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि जिन प्रस्तावों के खिलाफ 20 फीसदी से अधिक संस्थागत शेयरधारकों ने मतदान किए उनकी संख्या 2018 में 14 फीसदी बढ़कर 716 हो गई जबकि 2017 में यह आंकड़ा 629 और 2016 में 639 रहा था। हालांकि निफ्टी50 सूचकांक में शामिल जिन कंपनियों के प्रस्तावों पर 20 फीसदी से अधिक संस्थागत शेयरधारकों ने नकारात्मक मतदान किया, उनकी संख्या घटकर 36 रह गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 44 था।'
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि इनमें से अधितर प्रस्तावों का संबंध बोर्ड में नियुक्तियों से था और उसके बाद स्टॉक ऑप्शंस एवं बोर्ड सदस्यों के वेतन भत्ते से संबंधित प्रस्तावों का स्थान रहा। जिन प्रमुख प्रस्तावों पर 20 फीसदी से अधिक संस्थागत शेयरधारकों ने नकारात्मक मतदान किया था उनमें बजाज फाइनैंस में राजीव बजाज की दोगारा नियुक्ति और भारती एयरटेल में बतौर स्वतंत्र निदेशक सी एडवार्ड एरलिक की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव भी शामिल हैं।
हल्दिया ने कहा कि कुछ वर्ष पहले अनिवार्य की गई ई-वोटिंग की सुविधा का चलन बढ़ा है और इसका संबंध नियामक के स्टीवार्डशिप कोड से भी है। स्टीवार्डशिप कोड संस्थागत निवेशकों और उनके स्टीवार्डशिप सेवा प्रदाताओं (प्रॉक्सी एडवाइजर सहित) को अपने ग्राहक के प्रति जिम्मेदारी पूरी करने में मदद के लिए सिद्धांतों पर आधारित एक ढांचा है।
हल्दिया ने कहा, 'यह भी उल्लेखनीय है कि संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी में लगातार इजाफा होने के साथ ही प्रॉक्सी फमों भूमिका भी बढ़ रही है।' रिपोर्ट में कहा गाय है कि इसके विपरीत 45 प्रस्ताव ऐसे थे जिनके खिलाफ शेयरधारकों ने 2018 में एजीएम अथवा ईजीएम अथवा डाक मतपत्र और अदालत अथवा एनसीएलटी की बैठक में मतदान किया था। कुल मिलाकर, 1 जनवरी 2018 के अनुसार, एनएसई पर सूचीबद्ध 1,744 कंपनियों की 2,478 एजीएम अथवा ईजीएम अथवा डाक मतपत्र और अदालत अथवा एनसीएलटी बैठकों में कुल 12,972 प्रस्ताव पारित किए गए। यह 2017 में पारित कुल 12,314 प्रस्तावों के मुकाबले 5 फीसदी अधिक है।
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