टाटा मोटर्स के शेयरधारकों की बढ़ी चिंता | शैली सेठ मोहिले / मुंबई February 13, 2019 | | | | |
दिसंबर तिमाही के दौरान टाटा मोटर्स के क्षतिपूर्ति शुल्क अधिक होने, चीन में बिक्री की रफ्तार घटने और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को अलग करने (ब्रेक्सिट) को लेकर अनिश्चितता के बाद कंपनी के निवेशक कहीं अधिक चिंतित दिख रहे हैं। दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी ने 26,697 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया जो भारत में किसी कंपनी द्वारा दर्ज सबसे बड़ा घाटा है। ब्रिटेन की सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) द्वारा 3 अरब पाउंड को बट्टेखाते में डाले जाने और चीन में कमजोर प्रदर्शन से वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ा। तिमाही के दौरान चीन में जेएलआर की बिक्री में एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले आधे से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
मैक्वेरी रिसर्च के विश्लेषक अमित मिश्रा और इंदरप्रीत सिंह ने लिखा है, 'उद्योग की वृद्धि और लाभप्रदता में जबरदस्त गिरावट के मद्देनजर बट्टेखाते की पहल जरूरी थी। कंपनी की आरऐंडडी (अनुसंधान एवं विकास) पूंजीकरण नीति में बदलाव के बाद कंपनी के इस कदम की हमें सराहना करनी चाहिए। जेएलआर अपने सालाना आरऐंडडी खर्च का करीब 70 से 80 फीसदी रकम भुना लेती है जो प्रीमियम कार बाजार के उसके प्रतिस्पर्धियों के मुकालबे अधिक है।'
जून 2008 में जेएलआर के अधिग्रहण के बाद से ही टाटा मोटर्स ब्रिटेन की अपनी इस सहायक इकाई पर सालाना 2 अरब पाउंड खर्च करती रही है। हाल के वर्षों में यह बढ़कर 3 अरब पाउंड से अधिक हो चुका है। कंपनी ने पहले कहा था कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वह 4.5 अरब पाउंड के पूंजीगत खर्च की उम्मीद कर रही है। हालांकि यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा था लेकिन कंपनी ने उसे घटाकर 4 अरब पाउंड के दायरे में कर दिया है।
जेएलआर अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से खर्च को भुना रही है। प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मामले में खर्च को भुनाने की दर 25 से 40 फीसदी के दायरे में रही है। विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि यदि कंपनी इस रफ्तार को कम नहीं करती है तो उसे कहीं अधिक रकम बट्टïेखाते में डालना होगा। उनका मानना है कि पूंजीकरण नीति में बदलाव किए जाने और मुनाफा अथवा घाटे के जरिये उसे आगे बढ़ाने से प्रबंधन कहीं अधिक जबावदेह बनेगा और वह खर्च में कहीं अधिक चुस्ती दिखाएगा।
एक विश्लेषक ने कहा, 'वास्तव में उन्हें अपने आरऐंडडी खर्च का युक्तिसंगत बनाना होगा और खर्च के मोर्चे पर उन्हें कहीं अधिक कुशलता दिखाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पूंजीकरण नीति को लेकर चिंता जताई जा रही है। उन्होंने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि अधिग्रहण के शुरुआती वर्षों में जेएलआर की तरह अधिक निवेश का तर्क समझ में आता है, लेकिन धीरे-धीरे उसकी रफ्तार घटाना अच्छी लेखा रणनीति का हिस्सा है।
टाटा मोटर्स के लिए आगे कहीं अधिक चुनौतियों की आशंका में अधिकतर विश्लेषकों ने उसके प्रति शेयर आय (ईपीएस) लक्ष्य को घटाते हुए बिक्री एवं वृद्धि अनुमानों में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि कमजोर परिचालन परिदृश्य में पुनरुद्धार की कोशिश को सीमित सफलता मिलेगी। भारतीय ट्रक बाजार में मांग घटने से भी उसके घरेलू परिचालन पर असर पड़ेगा।
फिलिपकैपिटल के विश्लेषक नीतेश शर्मा ने वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद एक शोध पत्र में लिखा है, 'हालांकि बहीखाते को दुरुस्त करने और लागत नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम दिख रहे हैं लेकिन उनके परिणाम आने में समय लगेगा।' ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए अपने मूल्य लक्ष्य को 200 रुपये से बढ़ाकर 290 रुपये कर दिया है।
एमके ग्लोबल ने कंपनी के ईपीएस को वित्त वर्ष 2019 के लिए 46 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 के लिए 19 फीसदी एवं वित्त वर्ष 2021 के लिए भी 19 फीसदी घटा दिया है। इस ब्रोकरेज ने कंपनी के शेयर की रेटिंग को 'बाय' से घटाकर 'होल्ड' कर दिया है।
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