आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने चार साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। सरकार ने चुनावों के दौरान उद्योगों की राह आसान करने के लिए कई वादे किए थे। एकल खिड़की मंजूरी, स्टार्टअप को सस्ती जमीन, बाजार से एकत्रित राजस्व का एक हिस्सा बाजारों के रखरखाव पर खर्च करने और कारोबार की राह आसान करने जैसे अहम वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। हालांकि सरकार ने कारोबारियों को छापेमारी से निजात दिलाने और वैट दरें घटाने व वैट सरलीकरण जैसे कुछ महत्त्वपूर्ण वादे पूरे किए हैं।
आप ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में उद्योग के लिए एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था का वादा किया था, लेकिन इवेंट मैनेजमेंट को छोड़कर बाकी उद्योगों के लिए यह वादा चार साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया। दिल्ली को स्टार्टअप हब बनाने के लिए प्रायोगिक परियोजना के तौर पर तीन लाख वर्गफुट में व्यापार को सस्ती जगह देने का वादा भी धरातल पर नहीं उतर पाया। हालांकि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय और विद्यालयों में इन्क्यूबेटरों की स्थापना जरूर हुई है।
हालांकि कारोबारियों को बाजारों में पडऩे वाले बेवजह छापेमारी से राहत मिली। वैट दरें घटाने और वैट सरलीकरण का वादा भी पूरा हुआ है। दिल्ली कौशल मिशन को पूरा करने के लिए सरकार ने कौशल केंद्र, स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम शुरू किया है।