पंजाब सरकार ने जैव-ईंधन परियोजना के लिए वर्गो कॉरपोरेशन के साथ समझौते के एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना पर करीब 630 करोड़ रुपये लागत आएगी। इस जैव-ईंधन परियोजना के लिए अमेरिकी कंपनी हनीवेल तकनीक मुहैया कराएगी। वर्गो चावल की भूसी से जैव-जेट ईंधन निकालेगी। इसके लिए कंपनी रैपिड थर्मल प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना करेगी, जिससे 150 प्रत्यक्ष और 500 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि परियोजना से भविष्य में निवेश, तकनीक हस्तांतरण आदि खंडों में पंजाब और अमेरिका के बीच सहयोगी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर साथ ही वर्गो के प्रबंध निदेशक कणव मोंगा की उपस्थिति में समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के बाद बचे अपशिष्टï पदार्थों से जैव-ईंधन के उत्पादन में मदद मिलेगी, जिससे किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का जरिया भी सुनिश्चित हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेक साल धान के सत्र में राज्य में करीब 2 करोड़ टन धान के पुआल बचते हैं, जिसका इस्तेमाल अब वैज्ञानिक तरीके से जैव-ईंधन के उत्पादन में होगा। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास में यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य में पराली जलाना भी बंद हो जाएगा।