भारत की सबसे बड़ी ज्वैलरी कंपनी टाइटन का शेयर पिछले सोमवार को अपने पूर्व बंद स्तर की तुलना में 3.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,026 पर बंद होने से पहले 1,049 रुपये की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गया था। यह तेजी उस दिन दर्ज की गई जब बीएसई एफएमसीजी सूचकांक में 0.66 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अंतरिम बजट में खपत पर जोर दिए जाने के अलावा दिसंबर 2018 की तिमाही के लिए कंपनी के शानदार प्रदर्शन और भविष्य में मजबूत वृद्घि की रफ्तार कायम रहने की उम्मीदों से टाइटन पर निवेशक सकारात्मक रुख अपना रहे हैं। तीसरी तिमाही में कंपनी की शुद्घ बिक्री और शुद्घ लाभ 35 प्रतिशत की वृद्घि के साथ 5,632.5 करोड़ रुपये और 416.2 करोड़ रुपये रहे। कंपनी को यह बढ़त मुख्य तौर पर ज्वैलरी राजस्व में 37 प्रतिशत की सालाना वृद्घि की मदद से हासिल हुई। तीसरी तिमाही में इस सेगमेंट का कंपनी के कुल राजस्व में 85 प्रतिशत का योगदान रहा। दीवाली जैसे बड़े त्योहारों और विवाह सीजन की वजह से भी जड़े हुए और सामान्य आभूषणों के लिए अच्छी मांग देखी गई। साथ ही कंपनी को नए उत्पादों के लॉन्च से भी तिमाही के दौरान आभूषण की चमक बरकरार रखने में मदद मिली। हालांकि गोल्ड एक्सचेंज योजना बंद होने और शादी का सीजन समाप्त होने से जनवरी महीने में आभूषण वृद्घि की रफ्तार धीमी पड़ गई, लेकिन कंपनी प्रबंधन को मार्च 2019 की तिमाही में मांग मजबूत रहने और सोने की ऊंची कीमतों से उपभोक्ताओं का खरीदारी पैटर्न प्रभावित नहीं होने की संभावना है। वर्ष 2019-20 या वित्त वर्ष 2020 भी विवाह सीजन को देखते हुए अच्छा रहने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि इसके अलावा स्टोर विस्तार (अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान 24 तनिष्क स्टोर जोड़े, जिसके साथ ही कुल स्टोरों की संख्या बढ़कर 358 हो गई) और जीएसटी क्रियान्वयन से टाइटन को वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2020 के दौरान आभूषण राजस्व में सालाना 22 प्रतिशत की वृद्घि होने का अनुमान है। कंपनी ने मार्च 2019 तक 16 और स्टोर जोडऩे की योजना बनाई है। एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि टाइटन बाजार भागीदारी बढ़ाकर, जड़े हुए आभूषणों की भागीदारी, नई पेशकशों और रिटेल विस्तार के जरिये अपनी वृद्घि की रफ्तार मजबूत बनाएगी। विवाह सीजन से भी लाभकारी जड़े हुए आभूषण व्यवसाय की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी और इससे कंपनी को कुल परिचालन मुनाफा मार्जिन सुधारने में आसानी होगी। जड़े हुए आभूषणों का तीसरी तिमाही में कंपनी की कुल आभूषण बिक्री में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान रहा है। इसके अलावा परिचालन दक्षता से भी टाइटन का एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2020 तक 12 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है जो अप्रैल-दिसंबर 2018 में 10.7 प्रतिशत दर्ज किया गया। तीसरी तिमाही में भी कम परिचालन खर्च और आभूषण सेगमेंट के मुनाफे में 254 आधार अंक की वृद्घि से टाइटन को एबिटा स्तरों पर मार्जिन दबाव सीमित करने में मदद मिलेगी। सकल मुनाफा मार्जिन में सालाना आधार पर 28 आधार अंक की कमी के बीच टाइटन का एबिटा मार्जिन तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत तक घटकर 10.3 प्रतिशत रह गया। इसके अलावा, घड़ी व्यवसाय के परिचालन मार्जिन में 682 आधार अंक की कमी से भी तीसरी तिमाही में टाइटन के कुल मुनाफे पर दबाव दिखा। नई पेशकशों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई मल्टी-चैनल अभियानों से घड़ी व्यवसाय के मार्जिन पर असर दिखा, लेकिन इससे भविष्य में ही घड़ी सेगमेंट की वृद्घि संभावनाओं में सुधार लाने में मदद मिल सकती है। कंपनी को घड़ी सेगमेंट के 20 फीसदी की दर से बढऩे का अनुमान है। तीसरी तिमाही में घड़ी व्यवसाय से राजस्व सालाना आधार पर 19 प्रतिशत तक बढ़ा। कंपनी का परिचालन मार्जिन 14-15 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान है। ये मार्जिन हासिल होने योग्य दिख रहे हैं क्योंकि इस सेगमेंट ने पिछली 3-4 तिमाहियों में 15-18 प्रतिशत का एबिटा मार्जिन दर्ज किया है। इसके अलावा, आईवियर फ्रेगरेंस (स्किन) और अपैरल (टैनेरिया) व्यवसाय से भी टाइटन की कुल वृद्घि को मदद मिलने की संभावना है। भविष्य में कंपनी द्वारा आय में मजबूत वृद्घि दर्ज किए जाने की संभावना है। प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों का कहना है, 'वित्त वर्ष 2018-वित्त वर्ष 2021 के दौरान शुद्घ मुनाफे में 25.9 प्रतिशत की सालाना वृद्घि का अनुमान है। हमने इस शेयर के लिए 1,195 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है। खरीदारी बरकरार रखें।'
