► वर्ष 2014-15 के फॉर्म-9 के 94 फीसदी मामलों का आकलन लंबित
► इसी अवधि की बेमेल खरीद-बिक्री के 36 फीसदी मामलों का निपटान लंबित
► वैट आयुक्त का अधिकारियों को 31 मार्च तक मामले निपटाने का निर्देश
दिल्ली वैट विभाग के अधिकारी वैट मामलों का आकलन करने में सुस्ती दिखा रहे हैं। चार साल पुराने सांविधिक वैट फॉर्म-9 के करीब 94 फीसदी और खरीद-बिक्री फॉर्म 2ए-2बी बेमेल निपटारे के करीब 36 फीसदी मामले लंबित हैं जबकि निपटारे के लिए अब दो माह भी नहीं बचे हैं। इन लंबित मामलों के निपटारे में वैट अधिकारियों की सुस्ती को देखते हुए वैट आयुक्त ने अधिकारियों को मामले जल्द निपटाने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली वैट विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सांविधिक फॉर्म-9 अंतरराज्यीय बिक्री करने वाले कारोबारियों को भरना होता है, जिसमें रियायती दर पर कारोबार के लिए फॉर्म-सी, फॉर्म-एच, फॉर्म-एफ आदि की जानकारी दी जाती है। इन फॉर्म का आकलन चार साल के अंदर करना होता है। आगामी 31 मार्च वर्ष 2014-15 की अवधि के फॉर्म-9 के आकलन की आखिरी तारीख है। लेकिन इस अवधि के फॉर्म-9 के 1,03,905 मामलों में से 97,525 मामले लंबित हैं। इसी अवधि के 2ए-2बी बेमेल के 71,202 मामलों में से 25,841 मामलों का निपटान लंबित है।
इन मामलों के तेजी से निपटारे के लिए संबंधित आकलन प्राधिकारी को कई बार कहा जा चुका है। फिर भी मामलों के निपटान में सुस्ती देखी जा रही है। वैट आयुक्त एच राजेश प्रसाद ने हाल में आकलन प्रक्रिया की समीक्षा की थी। उन्होंने बड़े पैमाने पर मामले लंबित होने पर चिंता जताई और संबंधित अधिकारियों को मामले जल्द निपटाने के सख्त निर्देश दिए।