निर्णायक मंडल ने चुने देश के सात कारोबारी नगीने | |
बीएस संवाददाता / मुंबई 02 10, 2019 | | | | |
.jpg) करीब चार लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) प्रतिस्पर्द्धा के मामले में अपने क्षेत्र की दूसरी कंपनियों से मीलों आगे है। प्रॉक्टर ऐंड गैंबल से लेकर पतंजलि जैसी वैश्विक और घरेलू कंपनियों की जबरदस्त चुनौती के बावजूद कंपनी ने सुनिश्चित किया है कि उसकी बादशाहत को कोई खतरा पैदा न हो। पिछले साल दिसंबर में ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर के अधिग्रहण से स्वास्थ्य और आरोग्य के क्षेत्र में एचयूएल की बढ़त और मजबूत होगी। शेयरों में हुआ यह सौदा 31,700 करोड़ रुपये का है।
अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) विनोद दसारी ने उस दौर में ज्यादा ट्रक बेचे और नए वाहन उतारे जब नोटबंदी के बाद ट्रक उद्योग खराब स्थिति से गुजर रहा था। 14 साल से कंपनी से जुड़े दसारी मार्च में अपना पद छोड़ देंगे। देश के परिवहन क्षेत्र के भविष्य पर बड़ा दांव खेलकर दसारी ने अशोक लीलैंड के कारोबार को तीन हिस्सों में बांटा ताकि ट्रक कारोबार की अनवरत चुनौतियों का समाधान किया जा सके। उनकी यह रणनीति सफल रही और आज अशोक लीलैंड की बाजार हिस्सेदारी चार साल पहले की तुलना में 12-14 फीसदी बढ़कर करीब 25 फीसदी हो गई। वित्त वर्ष 2015 में कंपनी का शुद्ध लाभ 134 करोड़ रुपये था जो 2018 में बढ़कर 1,760 करोड़ रुपये पहुंच गया।
2018 के बिज़नेस स्टैंडर्ड पुरस्कारों के विजेताओं का चयन करने के लिए जब जूरी की बैठक हुई तो उसके लिए दसारी और हिंदुस्तान यूनिलीवर की शानदार उपलब्धियों को नजरअंदाज करना मुश्किल था। जूरी (निर्णायक मंडल) की अगुआई एक अग्रणी कारोबारी समूह के चेयरमैन ने की। जूरी में दो निजी इक्विटी कंपनियों के प्रमुख, एक दिग्गज प्रबंधन सलाहकार संस्था के कर्ताधर्ता और कानूनी फर्म से जुड़े एक दिग्गज शामिल थे।
वित्त वर्ष 2018 में भारतीय उद्योग जगत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों का चयन करने के लिए आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला की अगुआई में मंगलवार को मुंबई में हुई जूरी की बैठक में कारोबार की व्यापकता, स्थिरता, नेतृत्व और नवाचार पर जोर रहा। बिड़ला ने कहा, 'सूची में कई अच्छी कंपनियां शामिल थीं इसलिए यह एक मुश्किल फैसला था। लेकिन जूरी को साल के विजेताओं का चयन करने में ज्यादा समय नहीं लगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड की तरफ से मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक छांटी गई सभी कंपनियों ने हाल के वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया था।' जूरी के अन्य सदस्यों में केकेआर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी संजय नायर, बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी के प्रबंध निदेशक अमित चंद्रा, मैकिंजी के निदेशक नोशिर काका और सिरिल अमरचंद मंगलदास के मैनेजिंग पार्टनर सिरिल श्रॉफ शामिल थे।
मुश्किल दौर में अशोक लीलैंड की नैया पार लगाने के लिए जूरी ने दसारी को सीईओ ऑफ इ इयर चुना। श्रॉफ ने दसारी के चयन के बारे में कहा, 'उन्होंने शानदार काम किया और वह नई उत्पाद श्रेणियों को लेकर बेहद आक्रामक थे।' जूरी के सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि विजेताओं के चयन में वित्तीय प्रदर्शन सबसे अहम है लेकिन गंभीर बाहरी चुनौतियों के मद्देनजर नवाचार और संस्थाओं के निर्माण पर जोर देने वाले लोगों को भी बराबर अहमियत दी जानी चाहिए। सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय आंकड़ों के अलावा जूरी ने संबंधित कंपनियों, उद्योग और कारोबारी माहौल के गुणात्मक पहलुओं पर भी चर्चा की। जूरी ने हिंदुस्तान यूनिलीवर को कंपनी ऑफ द इयर और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को स्टार पीएसयू ऑफ द इयर चुना। हनीवेल ऑटोमेशन को स्टार एमएनसी ऑफ द इयर और जमना ऑटो को स्टार एसएमई ऑफ इ इयर घोषित किया गया। फूड डिलिवरी ऐप स्विगी को स्टार्टअप ऑफ द इयर चुना गया।
इन प्रतिष्ठिïत पुरस्कारों के लिए कई नामों पर चर्चा हुई लेकिन जो बात विजेताओं के पक्ष में गई वह थी उनके कारोबारी मॉडल को लेकर जूरी का भरोसा। विजेताओं ने समय के साथ अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव किया और शेयरधारकों को उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न दिया। नायर ने चर्चा के दौरान कहा, 'उद्योग में चुनौतियों के बावजूद हिंदुस्तान यूनिलीवर उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनी बनकर उभरी है। कंपनी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और अपने शेयरधारकों के साथ-साथ अपने ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठï उत्पादों से उपकृत किया है।'
जूरी ने शानदार प्रदर्शन करने वाले कई लोगों के बारे में चर्चा की जिन्होंने देश के कॉरपोरेट इतिहास में गहरा और स्थायी प्रभाव छोड़ा है लेकिन गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोदरेज को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड का विजेता घोषित करने में कोई देर नहीं लगाई। बिड़ला ने कहा, 'भारतीय उद्योग जगत में गोदरेज के योगदान को देखते हुए उनका चयन करना हमारे लिए आसान था। वह उद्योग के मुद्दों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं फिर चाहे वह वस्तु एवं सेवा कर का समर्थन करना हो या फिर छोटे मुद्दे।'
उपभोक्ता उत्पादों की दुनिया में गोदरेज का प्रभाव सर्वविदित है। जूरी ने पाया कि जब नैतिक मूल्यों, कंपनियों के कामकाज में सर्वश्रेष्ठï व्यवस्थाओं और यहां तक कि पर्यावरण के संरक्षण की बात होती है तो वह देश की सबसे प्रखर आवाज बनकर उभरते हैं। भारतीय उद्योग जगत की हस्तियों की आवाज बुलंद करने वाले गोदरेज देश की कारोबारी दुनिया में लाइसेंस राज से उदारीकरण तक के उल्लेखनीय बदलाव के गवाह रहे हैं। इस सबके बीच 76 साल के चेयरमैन ने न केवल 121 साल पुराने समूह को आधुनिक कारोबारी उपक्रम बनाने में मदद की बल्कि उन्होंने इसमें पुराने दिनों की चमक भी बरकरार रखी। भारतीय कंपनी जगत में महिला कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या गोदरेज समूह में ही है। उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने समूह के कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों को बरकरार रखा जो दशकों तक इस समूह की पहचान रही है और आदि गोदरेज का कहना है कि इस पर किसी भी कीमत में कोई समझौता नहीं हो सकता है। नायर ने कहा, 'जूरी इस पुरस्कार के लिए जूरी की स्वाभाविक पसंद थे। उन्होंने अपने समूह के प्रोफाइल को बदला और अपने कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले गए। वह हमेशा हर किसी की मदद के लिए उपलब्ध रहते हैं।'
स्टार्टअप ऑफ इ इयर अवॉर्ड पर फैसला लेने में भी जूरी को ज्यादा समय नहीं लगा। अधिकांश सदस्य इस बात पर सहमत थे कि वे किसी ऐसी कंपनी को यह पुरस्कार नहीं देना चाहते हैं जो लंबी रेस का घोड़ा न हो। इसमें तकनीक के नए तरीके से इस्तेमाल को तरजीह दी गई जिससे लोगों की जिंदगी आसान हुई है। जूरी ने आखिरकार फूड डिलिवरी सर्विस स्विगी को चुना जिसने फोन पर खाने का ऑर्डर देना बच्चों का खेल बना दिया। काका ने कहा, 'जूरी को यह बात बहुत पसंद आई कि स्विगी ने भारत में कारोबार का तरीका बदल दिया है। चीन की तुलना में भारत में फूड डिलिवरी अभी शैशवावस्था में है लेकिन स्विगी ने इस श्रेणी में काफी बढ़त हासिल कर ली है।'
स्टार पीएसयू के चयन के बारे में जूरी का जोर कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और प्रतिस्पर्द्धा से निपटने की उसकी काबिलियत पर था। कई कंपनियों पर चर्चा होने के बाद जूरी ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन का चयन किया। चंद्रा ने कहा, 'हमारा मानना है कि पावर ग्रिड ने शेयरधारकों के लिए शानदार काम किया है और उनके लिए अच्छा मुनाफा कमाया है। कंपनी का बाजार मूल्य करीब एक लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।'
स्टार एमएनसी अवॉर्ड के लिए जूरी ने कुछ सूचीबद्ध कंपनियों पर चर्चा की क्योंकि भारत में कारोबार कर रहीं विदेशी गैर सूचीबद्ध कंपनियों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। चर्चा के बाद जूरी ने हनीवेल ऑटोमेशन का चुनाव किया जो देश में सबसे ज्यादा संभावनाओं वाली औद्योगिक इंजीनियरिंग कंपनियों में शामिल है। दुनिया में हनीवेल इंक अपने मुख्य कारोबार में अग्रणी है जिनमें भवन निर्माण और होम कंफर्ट सॉल्यूशंस, प्रोसेस सॉल्यूशंस, मोबिलिटी और अन्य कारोबार शामिल है। काका ने कहा, 'हनीवेल ने सालाना आधार पर शानदार काम किया है और भारतीय बाजार में अपना मुकाम हासिल किया है।'
जब एसएमई (लघु एवं मझोले उपक्रम) की बारी आई तो जूरी ने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के कारण इस क्षेत्र के समक्ष पेश आ रही चुनौतियों पर चर्चा की। जूरी ने इस पुरस्कार के लिए वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली दिल्ली की जमना ऑटो इंडस्ट्रीज का चयन किया। जबरदस्त वित्तीय प्रदर्शन के दम पर कंपनी ने पिछले तीन वर्षों के दौरान कंपनी का बाजार मूल्य सालाना 30 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ा।
श्रॉफ ने जूरी की चयन प्रक्रिया के बारे में कहा, 'बिज़नेस स्टैंडर्ड की जूरी बैठक में हमेशा उच्च स्तरीय विश्लेषण होता है। इस साल हमने जिनका कंपनियों का चयन किया है उनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने कई वर्षों तक बेहतर प्रदर्शन किया है। साथ ही विजेताओं में ऐसी नई कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने हाल के वर्षों में अच्छा काम किया है लेकिन अभी उन्हें पहचान नहीं मिली है। मैं भारतीय उद्योग जगत के इन चैंपियनों को बधाई देता हूं।'
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