दिवालिया कंपनी के बोलीदाता विदेश से जुटा सकेंगे रकम | अभिजित लेले / मुंबई February 07, 2019 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया कंपनियों के लिए बोली लगाने वालों को बाह्य वाणिज्यिक उधारी के जरिये रकम जुटाने की अनुमति दे दी ताकि दिवालिया कार्यवाही के लिए ज्यादा से ज्यादा विदेशी रकम आकर्षित की जा सके। रकम जुटाने वाली कंपनियां इस रकम का इस्तेमाल मौजूदा लेनदारों के भुगतान में कर सकेंगी। बैंकरों व कानूनी विशेषज्ञों ने कहा, अपेक्षाकृत सस्ती विदेशी पूंजी तक पहुंच से जल्द समाधान हो पाएगा और यह प्रक्रिया लागत के लिहाज से कुशल हो जाएगी। मौजूदा दिशानिर्देश के मुताबिक, भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा वाली बाह्य वाणिज्यिक उधारी की रकम का इस्तेमाल पुनर्भुगतान मेंं करने की अनुमति नहीं है।
दिवालिया संहिता के तहत समाधान आवेदकों को मौजूदा लेनदारों को चुकाने के लिए विदेश से उधार लेना आकर्षक लग सकता है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, अब दिवालिया संहिता के तहत समाधान आवेदक ईसीबी से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी के रुपये वाले कर्ज के भुगतान में कर सकते हैं।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, आईबीसी के तहत आवेदकों के लिए ईसीबी का मार्ग खोलने से तेजी से कायापलट हो सकता है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक, दिवालिया इकाइयों के कॉरपोरेट दिवालिया समाधान समय पर होने से वित्तीय लेनदारों के पास अतिरिक्त 65,000-70,000 करोड़ रुपये आ जाते, जो बैंकिंग क्षेत्र की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों का करीब 6.5 फीसदी है। इक्रा ने कहा, जब हम 79 कॉरपोरेट समाधान के जरिए वित्तीय लेनदारों को मिलने वाली रकम 65,000 करोड़ रुपये पर नजर डालते हैं तो यह आंकड़ा अच्छा खासा दिखता है। यह रकम इन्हेें या तो अग्रिम मिलेंगे या फिर टुकड़ों में।
बैंकरों ने कहा, ईसीबी फंड का एक अन्य स्रोत होगा, जो बोलीदाताओं को उपलब्ध होगा। बैंकों को देश के भीतर अधिग्रहण के वित्त पोषण से रोक दिया गया है। भारतीय बैंकों की विदेशी शाखा या विदेशी सहायकों को भारत मेंं दिवालिया गतिविधियोंं के लिए बोलीदाताओं को ईसीबी की रकम देने से रोका गया है। बड़ी व मध्यम आकार की फंडिंग के लिए कुछ ही देसी संसाधन उपलब्ध हैं। ये संसाधन हालांकि महंगे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव वाली परिसंपत्तियों की फंडिंग के लिए बड़ा व परिपक्व बाजार है। भारी भरकम फंड वाले कई वैश्विक बैंकों के पास ऐसे मौके भुनाने की क्षमता है। बोलीदाताओं के लिए सस्ती दर पर रकम उपलब्ध हो सकता है।
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