स्वर्ण मांग रहेगी 750-850 टन! | रॉयटर्स / मुंबई January 31, 2019 | | | | |
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने आज कहा कि इस साल भारत में सोने की मांग 10 वर्ष के औसत से ऊपर रहने का अनुमान है, क्योंकि सरकार मई में होने वाले आम चुनाव से पहले उपभोक्ता का विश्वास और खर्च क्षमता बढ़ाने की संभावना तलाश रही है। डब्ल्यूजीसी के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि वर्ष 2019 में सोने की खपत पिछले साल के 760.4 टन की तुलना में 750-850 टन रहने की संभावना है। भारतीय मांग पिछले 10 वर्षों के दौरान औसत 838 टन पर रही है।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता देश भारत में खपत बढऩे से वैश्विक कीमतों में मदद मिलेगी जो 8 महीने की ऊंचाई के आसपास हैं लेकिन साथ ही इससे भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है और रुपये पर दबाव पड़ सकता है। सोमसुंदरम ने कहा, 'यह चुनावी वर्ष है इसलिए सरकार लोगों के हाथ में अधिक पूंजी सुनिश्चित करेगी। संक्षिप्त अवधि में बड़ा खर्च होगा जो सोने के लिए अनुकूल साबित होगा।' इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश के किसानों की मदद के उपायों की घोषणा कर सकती है जो सोने के सबसे बड़े खरीदार हैं।
डब्ल्यूजीसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि कुल स्वर्ण खपत पिछले साल 1.4 फीसदी घट गई थी, निवेश मांग के तौर पर प्रख्यात सोने के सिक्कों और बिस्कुट के लिए मांग में चार प्रतिशत की गिरावट आई। सोमसुंदरम ने कहा कि भारत का स्वर्ण बिस्कुट आयात 2018 में एक साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़कर 275.9 टन पर रहा, क्योंकि खनिकों द्वारा तैयार सेमी-प्योर अलॉय पर आयात शुल्क परिष्कृत सोने की तुलना में 0.65 प्रतिशत कम है। उन्होंने कहा कि भारत के कुल आयात में स्वर्ण बिस्कुट की भागीदारी दीर्घावधि में बढऩे की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इस बीच, हालांकि भारत में सोने की तस्करी में तेजी आई है क्योंकि भारत ने अगस्त 2013 में अपना आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि पिछले साल तस्करी में कमी रही। डब्ल्यूजीसी के अनुसार 2018 में देश में लगभग 90-95 टन सोने की तस्करी की गई थी जो एक साल पहले के 115-120 टन के आंकड़े से कम है।
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